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बस के अंदर टूटा था फर्श, वहीं से नीचे गिरा मासूम, पहिये ने कुचला

बस के अंदर भी बच्‍चे सुरक्षित नहीं हैं। अंदर फर्श टूटा होने से सड़क पर गिर गया मासूम। पानीपत में लोगों का हंगामा। बस का चालक फरार। स्‍कूल कमेटी ने मानी गलती।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 03:51 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 12:17 PM (IST)
बस के अंदर टूटा था फर्श, वहीं से नीचे गिरा मासूम, पहिये ने कुचला
बस के अंदर टूटा था फर्श, वहीं से नीचे गिरा मासूम, पहिये ने कुचला

पानीपत, जेएनएन। पानीपत में स्‍कूल प्रबंधन, बस चालक और ट्रांसपोर्ट कमेटी की लापरवाही की वजह से पांच वर्ष के एक मासूम की जान चली गई। बस के अंदर फर्श टूटा होने की वजह से बस में ही सवार बच्‍चा, उस खाली जगह से नीचे गिर गया। तेज चल रही गाड़ी के पहिये ने उसे कुचल दिया। हादसे के बाद लोगों ने बस में तोड़फोड़ कर दी। चालक मौके से फरार हो गया।

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हादसा पानीपत में खुखराना गांव के पास हुआ। हुआ ये कि गुरुद्वारा बाबा जोध सचियार में सालाना सत्‍संग समागम चल रहा है। कच्‍चा से संगत आई हुई थी। इसी गुरुद्वारे की कमेटी का स्‍कूल भी है। स्‍कूल की बस को संगत को छोड़ने के लिए लगाया गया था। बस के पिछले पहिये के पास फर्श टूटा हुआ था। चालक और कमेटी के लोगों ने यह बात संगत को नहीं बताई। जहां से फर्श टूटा था, वहां पर प्‍लाई रख दी गई थी। नर्सरी में पढ़ने वाला पांच वर्षीय कार्तिक अपने आठ वर्षीय भाई जतिन के साथ पिछली सीट पर बैठा था। खुखराना के पास ब्रेकर आते ही प्‍लाई खिसक गई। वहीं से कार्तिक खाली जगह से नीचे गिर गया। पिछले पहिये ने उसे कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

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कार्तिक, फाइल फोटो।

रो रोकर बुरा हाल
बस में उसकी मां, बुआ, दादी और परिवार के अन्‍य सदस्‍य थे। पिता संजय बाइक लेमिनेशन करने का काम करते हैं। सभी का रो रोकर बुरा हाल था। मां बार-बार बेहोश हो रही थी। दादी कह रही थी, उन्‍हें पता होता कि उनके साथ इतना बड़ा हादसा हो जाएगा, वे यहां आते ही नहीं।

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शीशे तोड़े, बस जलाने से रोका
लोग बेहद गुस्‍से में थे। कुछ लोगों ने तो बस को जलाने की कोशिश की। तभी परिवार के लोगों ने उन्‍हें ऐसा करने से रोक दिया। हालांकि बस के शीशे जरूर तोड़े गए।

 ट्रांसपोर्ट कमेटी प्रबंधक ने मानी गलती
स्‍कूल को 51 सदस्‍यीय कमेटी चलाती है। ट्रांसपोर्ट कमेटी के प्रबंधक महेंद्र सिंह का कहना है कि एक महीना पहले फर्श टूटा था। स्‍कूल के सिर्फ 17 बच्‍चे पेपर देने जाते थे। उनको बस की दूसरी साइड में बैठा लेते थे। इस साइड में किसी को आने नहीं देते थे। अचानक संगत छोड़ने के लिए बस को भेजना पड़ा। वहीं कमेटी के प्रधान मनमोहन का कहना है कि वह परिवार के साथ हैं।


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