सरकार लड़ाना चाहती है : संतोष दहिया
जागरण संवाददाता, पानीपत अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर उग्राखेड़ी में
जागरण संवाददाता, पानीपत
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर उग्राखेड़ी में जाटों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। धरने में पहुंचीं सर्व खाप पंचायत महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति अवार्डी डॉ.संतोष दहिया ने कहा कि सरकार ¨हदू से ¨हदू को लड़ाने का प्रयास कर रही है।
दहिया ने धरने के मंच से कहा कि आरक्षण की लड़ाई वर्ष 2006 में शुरू हुई थी। वर्ष 1956 की केलकर रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि किसान जातियों को आरक्षण मिलना चाहिए। गुरुनाम सिंह आयोग ने भी आरक्षण का समर्थन किया। यह कैसा मजाक है कि उत्तर प्रदेश व दिल्ली में जाटों को आरक्षण मिला और हरियाणा में नहीं दिया गया। राजस्थान के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिया गया परंतु धौलपुर व भरतपुर जिले के जाटों को नहीं दिया गया। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का जिक्र करते हुए कहा कि उनसे 27 प्रतिशत वाली सूची में जाटों को शामिल करने की मांग की गई थी, नतीजा ढाक के तीन पात जैसा रहा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने राज्यपाल के हस्ताक्षर कराने में 20 दिन का समय लगा दिया। नतीजा, स्टे के रूप में सामने है। दहिया ने सांसद राजकुमार सैनी का जिक्र करते हुए कहा कि कौम को गाली देने वाले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक भी लड़ना पड़ा तो पीछे नहीं हटूंगी। उन्होंने उप्र में हुए मुज्जफरनगर दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भाजपा ने ¨हदू व मुस्लिमों को लड़ाया। हरियाणा में ¨हदू को ¨हदू से लड़ाने की साजिश हो रही है। धरने को समाप्त करने के लिए सरकार किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने किसानों की दुर्दशा पर बात करते हुए कहा कि फसल का समर्थन मूल्य तय करने वाली कमेटी में किसान को शामिल नहीं किया जाना ही देश के किसानों का दुर्भाग्य है। प्रोफेसर दहिया ने धरने पर बैठे लोगों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील भी की।
हरपाल सिंह की अध्यक्षता में चल रहे धरने के 24वें दिन सैकड़ों लोग उग्राखेड़ी स्टेडियम पहुंचे। महिलाओं की संख्या भी 300 से अधिक रही। ट्रैक्टर चलाकर धरने पर पहुंचने वाली महिलाओं को प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए।
हास्य से भीड़ का मनोरंजन
राष्ट्रपति अवार्डी हास्य कलाकार दरियाव सिंह ने चुटकुले सुनाकर भीड़ को गुदगुदाया। रागनी गायक संदीप मोर एंड पार्टी ने जाट समाज की एकता और देशभक्ति विषय पर रागनी सुनायी। इसराना की महिला राजबाला ने अन्य महिलाओं के साथ भजन सुनाए।