धरती के भगवान ने लिया हड़ताल का नाम, जानिए कैसे हो गई मनोकामना पूरी
दो साल से मांग के लिए अनुरोध किया जा रहा था। मामला सिविल अस्पताल का था। पुलिस अधिकारी मान नहीं रहे थे। फिर ऐसा कदम उठाया कि कुछ ही देर में मांग पूरी कर दी। जानिए क्या थी मांग।
जेएनएन, पानीपत: जिनके नाम से ही चोर, बदमाश खौफ खाते हैं, उन्हें भी धरती के भगवान से डर लगता है। दो साल पुलिस अधिकारियों ने मांग नहीं मानी तो इन्होंने हड़ताल की धमकी दे डाली। फिर क्या था, वह सब कुछ हुआ, जो ये चाहते थे। जानने के लिए पढि़ए दैनिक जागरण की ये खबर।
सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मंगलवार की शाम बड़ोली के ग्रामीणों ने डॉ. तरुण से हाथापाई कर दी। इसके विरोध में बुधवार की सुबह डॉक्टर लामबंद हो गए। सुरक्षा का मुद्दा उठाकर, इमरजेंसी वार्ड की सेवाएं ठप करने की धमकी दे दी। डिप्टी एमएस डॉ. अमित के नेतृत्व में डॉक्टर सिविल सर्जन डॉ. बागड़ी से मिले। उन्होंने एसपी मनबीर से फोन पर बात की। एसपी के आदेश पर दो घंटे में पुलिस चौकी बना दी गई।
कई बार हो चुकी है मारपीट
सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में इमरजेंसी वार्ड होने के दौरान डॉक्टरों और स्टाफ से कई बार मारपीट की घटनाएं हुईं। मरीजों-तीमारदारों का रात्रि पहर में सोते समय पर्स व मोबाइल फोन चोरी होने की घटनाएं रोजमर्रा की बात है। सिविल अस्पताल परिसर से बाइक चोरी की घटना तो लगभग रोजाना होती है। डॉक्टर, कर्मचारी करीब दो साल से परिसर में पुलिस चौकी की मांग करते रहे हैं।
अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मी।
सीएम तक को सौंपा था ज्ञापन
एसपी से जगह देने को कहा तो अस्पताल प्रशासन नई बिल्डिंग के उद्घाटन का बहाना बनाकर पीछे हट गया था। नई बिल्डिंग के उद्घाटन पर डॉक्टरों ने पुलिस चौकी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ज्ञापन भी सौंपा था। सीएम ने चौकी खुलवाने का आश्वासन भी दिया था। इसके बाद भी पुलिस पोस्ट नहीं खुल सकी थी। मंगलवार की सायं सड़क दुर्घटना में घायल राजबाला को रेफर करने का विरोध करते हुए परिजनों द्वारा डॉ. तरुण से हाथापाई का मामला फिर तूल पकड़ गया।
डॉक्टर ने लिखित डिमांड एसपी को सौंपी
डॉ. अमित द्वारा लिखित डिमांड एसपी को सौंपी गई। इसके तुरंत बाद डीएसपी सतीश शर्मा जगह आदि का मुआयना करने अस्पताल की नई बिल्डिंग में पहुंचे। फिलहाल बर्न वार्ड को पुलिस पोस्ट के लिए चुना गया है। एसपी ने 1 सब इंस्पेक्टर और 6 सिपाही की तैनाती इमरजेंसी वार्ड में कर दी है।
ये हो चुकी हैं वारदात
- 16 जून की रात को कुटानी रोड पर दो पक्षों में मारपीट हो गई थी। एक पक्ष के दो घायल सामान्य अस्पताल पहुंचे तो हथियारों से लैस दूसरे पक्ष के 150 लोगों ने हमला बोल दिया। डॉ. आशुतोष गुप्ता को खिड़की का शीशा तोड़कर जान बचाते हुए भागना पड़ा था।
- 19 जून की रात को छोटूराम चौक पर ऑटो चालकों में मारपीट हो गई। दोनों पक्ष सामान्य अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे। तभी दोनों पक्षों में इमरजेंसी वार्ड में मारपीट हो गई थी।
- 6 जुलाई की रात तीन बदमाशों ने सामान्य अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में घुसकर डॉ. राजीव मान और गार्ड ऋषि पर हमला कर दिया था।
- 13 नवंबर की सायं महिला को रेफर करने का विरोध करते हुए बड़ौली के लोगों ने डॉ. तरुण से हाथापाई कर दी।
मुकदमा भी होगा दर्ज
अस्पताल की इमरजेंसी में मारपीट और सड़क दुर्घटना में घायल होने और मृत्यु के मामले आते रहते हैं। अस्पताल प्रशासन को बस अड्डा पुलिस चौकी को सूचना देनी पड़ती थी। पुलिस पोस्ट खुलने से अब मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी घटना-दुर्घटना की पूरी डिटेल एकत्र कर मुकदमा भी दर्ज कर सकेंगे।
बाद में बदल देंगे स्थान
डिप्टी एमएस ने बताया कि फिलहाल बर्न वार्ड में मशीनरी आदि नहीं आई हैं, इसके चलते खाली पड़ा हुआ है। सिविल सर्जन का पुराना कार्यालय सहित दो-तीन स्थान और चिह्नत किए गए हैं। बर्न वार्ड चालू होने पर पुलिस पोस्ट को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करा दिया जाएगा।