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नलबंदी कैंप में बेहोश महिलाओं को छोड़ कर चले गए डॉक्टर

समलखा में नलबंदी कैंप में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची थीं, लेकिन डॉक्टर उन्हें बेहोश कर कहीं चले गए। जब मामला मंत्री और सीएमओ तक पहुंचा तो तीन घंटे बाद ऑपरेशन किया गया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 12:14 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 12:15 PM (IST)
नलबंदी कैंप में बेहोश महिलाओं को छोड़ कर चले गए डॉक्टर
नलबंदी कैंप में बेहोश महिलाओं को छोड़ कर चले गए डॉक्टर

जेएनएन, समालखा (पानीपत)। क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में नलबंदी कैंप में पहुंची महिला को बेहोश छोड़कर डॉक्टर कहीं चले गए। इस दौरान सहायक सहायककर्मियों ने उन्हें रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। ऑपरेशन बीच में छोड़कर डॉक्टर के जाने से नाराज महिलाओं के परिवार वालों ने इस बारे में सीएमओ और स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की। इसके बाद डॉक्टर वापस कैंप में पहुंचे और महिला का ऑपरेशन किया।

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सीएचसी में शुक्रवार को नलंबदी के ऑपरेशन होने थे। आॉपरेशन कराने को 11 महिलाएं सीएचसी पहुंची थी। ऑपरेशन से पहले एएनएम व आशा वर्कर ने अपने सभी रोगियों के दस्तावेज व जांच का काम पूरा करवाया। स्टाफ नर्स ने सभी को नशे का इंजेक्शन लगा दिया। कर्मचारियों के मुताबिक ऑपरेशन का समय सुबह 10 बजे का था और डॉक्टर साढ़े 12 बजे के करीब आए।

पांच मरीजों के ऑपरेशन होने के बाद बिजली गुल हो गई। कर्मचारी जेनरेटर स्टार्ट करने लगे तो वह चालू नहीं हुआ। डाक्टर जाने लगे तो सहायककर्मियों ने उन्हें रोका। मगर वे नहीं रुके। कर्मचारियों का कहना था कि डॉक्टर के यहां रहते हुए बिजली भी आ गई, लेकिन बावजूद इसके डॉक्टर चले गए। काफी देर तक डॉक्टर वापस नहीं पहुंचे तो महिलाओं के साथ आए उनके परिजन भड़क गए।

उन्होंने सीएमओ और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पीए को घटना की सूचना दी। इसके बाद विभागीय अधिकारियों के  फोन एसएमओ के पास आने लगे। आखिरकार साढ़े तीन घंटे बाद शाम साढ़े पांच बजे के करीब डॉक्टर दोबारा अस्पताल पहुंचे और बाकी के ऑपरेशन किए।

बिजली न होने से आई दिक्कत

सर्जन डॉक्टर विजय मलिक का कहना है कि ऑपरेशन के लिए थियेटर के माहौल का स्वस्थ होना जरूरी है। माहौल सही नहीं रहने पर इनफेक्शन होने का डर रहता है। साढ़े बारह बजे के करीब ऑपरेशन शुरू किए थे। आधे घंटे में पांच ऑपरेशन हुए तो लाइट चली गई। एक ऑपरेशन में टार्च तक का प्रयोग करना पड़ा। दोबारा ऑपरेशन के लिए  माहौल तैयार नहीं हो सका। जनरेटर भी नहीं चल सका। इसलिए मैैंने शेष बचे सभी रोगियों को दोबारा आने या शनिवार को पानीपत में ऑपरेशन कराने को कहा था।

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