क्रिकेट नहीं करते थे पसंद, बेटे के लिए बना दिया मैदान
विजय गाहल्याण, पानीपत डाहर के किसान पवन पहलवान इकलौते बेटे अजय नांदल को पहलवान बनाना चाहते थे
विजय गाहल्याण, पानीपत
डाहर के किसान पवन पहलवान इकलौते बेटे अजय नांदल को पहलवान बनाना चाहते थे। कुश्ती के दांव-पेंच भी सिखाए लेकिन वीरेंद्र सहवाग के फैन अजय को कुश्ती नहीं भा पाई। पिता से बोल दिया उसे तो सिर्फ क्रिकेट खेलना है। यह सुनकर चौंक गए, क्योंकि वह क्रिकेट को खेलना तो दूर मैच तक देखना नहीं पसंद करते थे। बेटे की हसरत देख हामी भर दी। दिक्कत आ गई कि खेलने के लिए मैदान नहीं था। इसके बाद घर को ही क्रिकेट के मैदान में तब्दील कर दिया। चारों तरफ फ्लड लाइट लगवाई। गेंदबाज नहीं मिलने पर पौने दो लाख रुपये की बॉलिंग मशीन खरीद ली, ताकि अजय बल्लेबाजी का लगातार अभ्यास कर सके। इसके लिए पिता ने खुद मशीन को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग भी ली। इसी मेहनत का नतीजा है कि अजय का चयन हरियाणा की अंडर-16 क्रिकेट टीम में हुआ है। हरियाणा की टीम 21 दिसंबर तक चलने वाली नार्थ जोन क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग ले रही है। इससे पहले भी अजय गत वर्ष अंडर-14 ध्रुव ट्राफी में खेलकर बेहतरीन प्रदर्शन कर चुका है। उनके कोच तेजी सिंह का कहना है कि अगर अभिभावक खेल को बढ़ावा दें तो अच्छे खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं।
मोटापे को मात देकर बना ऑल राउंडर
16 वर्षीय आलराउंडर अजय ने बताया कि वह 11 साल की उम्र में 50 किलो से ज्यादा वजन हो गया था। ठीक से दौड़ नहीं पाता था। पिता ने सुबह-शाम दौड़ कराई। इससे वजन घटा और फिर बल्लेबाजी व ऑफ स्पिन गेंदबाजी का अभ्यास किया। आर्य गर्ल्स स्कूल में कोच प्रवीण ने बल्लेबाजी की तकनीक में सुधार कराया।
दूसरे जिलों में ले जाते हैं खिलाने : पवन पहलवान बताते हैं कि गांव में कबड्डी व कुश्ती खेल लोकप्रिय है। वह भी अजय को अच्छा पहलवान बनाना चाहते थे। बेटे की जिद क्रिकेटर बनने की थी। उसकी इच्छा को नहीं दबाया। अजय बेहतरीन टीमों के साथ खेले, इसके लिए उसे हर रविवार को सोनीपत, गुड़गांव, करनाल, गन्नौर, गोहाना और क्रिकेट मैच खेलने के लिए खुद गाड़ी चलाकर जाता हूं।