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स्टंट कर रहे दोस्त को बचाने के चक्कर में गई थी दोनों की जान

जागरण संवाददाता, पानीपत : ट्रेन के सामने स्टंट कर रहे दोस्त को बचाने के चक्कर में दो जानें च

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 03:01 AM (IST)
स्टंट कर रहे दोस्त को बचाने के चक्कर में गई थी दोनों की जान
स्टंट कर रहे दोस्त को बचाने के चक्कर में गई थी दोनों की जान

जागरण संवाददाता, पानीपत : ट्रेन के सामने स्टंट कर रहे दोस्त को बचाने के चक्कर में दो जानें चली गई। वे सेल्फी नहीं ले रहे थे। यह रहस्योद्घाटन उनके दोस्त अमन ने जीआरपी के सामने किया। जीआरपी ने उनके बयान दर्ज कर लिए।

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प्रत्यक्षदर्शी ने युवकों द्वारा सेल्फी लेने के बाद स्टंट करते समय हन्नी और हैप्पी के ट्रेन के आगे आने की बात कही थी। उस समय उनका तीसरा साथी मौके पर मौजूद था। हादसे के बाद वह फरार हो गया था। जीआरपी को उसी दिन से उनके साथी की तलाश थी। उसकी पहचान होने के बाद रविवार को एसएचओ बृजपाल ने उसके पिता से बात की। सोमवार 12:45 बजे परिजन अमन को साथ लेकर जीआरपी थाने पहुंचे। हन्नी के परिवार वाले भी थाने में आए थे।

एसएचओ ने परिजनों के सामने युवक से पूछताछ की। उसने बताया कि 9 अप्रैल रविवार को तीसरे पहर 3:30 बजे अपने घर पर था। उस समय हन्नी का फोन आया कि उसकी छुट्टी है। कहीं चलते हैं। तीनों देवीलाल पार्क में चले गए। कुछ देर बाद हैप्पी के मोबाइल पर फोन आया। पैसे के लेन-देन को लेकर काफी देर बातचीत करता था। इसके बाद तीनों टीडीआइ ओवरब्रिज के पास रेलवे लाइन पर चले गए। वहां पर भी उसके पास फोन आया। मोबाइल पर बात करते-करते हैप्पी लाइन के बीच में खड़ा हो गया। कुछ देर बाद करनाल की तरफ से ट्रेन आती दिखाई दी। हन्नी ने उसे लाइन से हटने के लिए कहा। उसने कहा कि ट्रेन जब ओवरब्रिज के पास आएगी, तब हटूंगा। ट्रेन के नजदीक आने पर हन्नी उसको बचाने लगा तो इंजन से सिर टकरा गया और दोनों की जान चली गई।

हादसा देखकर घबरा गया : हादसे के बाद युवक घबरा गया था। उसने अपने पिता को फोन किया। उसके पिता ने कहा कि फोन आते ही वह बाइक पर गया। वह घबराया हुआ था। वह कुछ नहीं बता पा रहा था। रविवार को जीआरपी का फोन आया था। उस समय युवक शामली में नहीं था, नहीं तो उसी समय थाने में आ जाता। पूछताछ के बाद युवक अपने परिजनों के साथ चला गया।

ऐसे पहुंचे साथी तक : रिश्तेदार रमेश कुमार ने बताया कि हन्नी की फेसबुक से उसके दोस्तों की फोटो निकाली। फोटो चश्मदीद को दिखाई। उसने अमन को पहचान लिया। फोटो जीआरपी को दी। इसके बाद उसके घर गए लेकिन परिजनों ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि 4:30 बजे युवक घर पर था। हादसे के बाद उसके परिजन एक बार भी हन्नी के घर नहीं गए।

स्मार्ट फोन घर पर था : रिश्तेदार ने बताया कि हन्नी के पास स्मार्ट फोन था। उसी दिन स्मार्टफोन घर पर छोड़ कर गया था। साधारण फोन अपने साथ लेकर गया था। जीआरपी ने हन्नी के पास मिला साधारण फोन उन्हें दिया था। हैप्पी के पास भी साधारण फोन था। साधारण फोन में कैमरा नहीं था। सामान्य फोन से सेल्फी नहीं ली जा सकती।

सेल्फी नहीं ले रहे थे : एसएचओ ने बताया कि अमन के बयान दर्ज कर लिए हैं। उसके बयान के मुताबिक दोनों युवक सेल्फी नहीं ले रहे थे। हैप्पी लाइनों के बीच में खड़ा होकर बात कर रहा था। हन्नी उसको बचाने लगा तो उसकी भी मौत हो गई। घबराहट के कारण उनका साथी मौके से चला गया था।


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