नोटबंदी के 60वें दिन नकदी की किल्लत बरकरार
जागरण संवाददाता, पानीपत : नोटबंदी के 60 दिन बाद शहरी क्षेत्र में नकदी की किल्लत में सुधार हुआ ह
जागरण संवाददाता, पानीपत : नोटबंदी के 60 दिन बाद शहरी क्षेत्र में नकदी की किल्लत में सुधार हुआ है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी की समस्या बरकरार है। 24 हजार बचत तथा 50 करंट खाते से नकदी मिलने के शर्त के चलते उद्योग व्यापार की परेशानी बरकरार है।
पिछले 60 दिनों में बैंकों ने नकदी के स्थान पर पीओएस मशीनें, एप प्रयोग पर जोर दिया। वहीं श्रमिकों के खाते खोलने के लिए कैंप लगाए। सात जनवरी तक श्रमिकों के खाते खोलने के लिए बैंकों द्वारा चलाए गए अभियान के तहत कैंप लगाए गए।
श्रम ंिवभाग के अनुसार टेक्सटाइल नगरी में सवा लाख के करीब श्रमिक हैं, जिनमें से आधे से भी कम श्रमिकों के खाते ही खुल पाए हैं। इन खातों में अब उद्यमी उनका वेतन ट्रांसफर कर रहे हैं।
शहरी क्षेत्र में एटीएम दिन में तो चल रहे हैं लेकिन रात को बंद रहते हैं। बैंक शाखा से अलग लगे एटीएम भी चल रहे हैं। एटीएम में दो बार नकदी डाली जा रही है। नकदी के लिए अब एटीएम तथा बैंकों में लाइनें भी कम लग रही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी की हालत में सुधार नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में करेंसी चेस्ट द्वारा कम नकदी भेजी जा रही है। नकदी से जूझ रहे ग्रामीणों ने शुक्रवार को चंदौली में जाम लगाना पड़ा।
473 पीओएस मशीनें लगीं :
नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए शहर में 406 पीओएस (प्वांइट ऑफ सेल) मशीनें लग चुकी हैं। सबसे ज्यादा पीओएस मशीन एडीएफसी बैंक ने 302 लगाई। पंजाब नेशनल बैंक ने 46, स्टेट बैंक पटियाला ने 22, स्टेट बैंक इंडिया ने 46, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 10, आरबीएल बैंक ने 47 पीओएस मशीनें लगाई हैं।
सरकारी दफ्तरों में मशीन नहीं लगी
नोटबंदी के 60 दिन बीतने के बाद भी सरकारी कार्यालयों में पीओएस मशीनें नहीं लग पाई। लघु सचिवालय में भी लेनदेन नकदी ही किया जा रहा है।