कलायत में BJP का कमाल, INLD के 17 साल पुराने गढ़ में ऐसे लगाई सेंध
इनेलो के गढ़ कलायत में पहली बार कमल खिला। 36 हजार 480 वोटों से कुरुक्षेत्र नवनिर्वाचित सांसद नायब सिंह सैनी को बढ़त मिली। वहीं इनेलो प्रत्याशी अर्जुन चौटाला पांचवें पर रहे।
पानीपत/कैथल, [सुरेंद्र सैनी]। इनेलो के गढ कलायत विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने कमल खिला दिया। 36 हजार 480 वोटों से भाजपा प्रत्याशी बढ़त बनाने में सफल रहे। सबसे ज्यादा नुकसान इनेलो को हुआ। 2000, 2009 के विस चुनाव में इनेलो प्रत्याशी ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी। 2014 लोकसभा चुनाव में भी मोदी लहर के बावजूद इनेलो प्रत्याशी बलबीर सैनी बढ़त लेने में सफल रहे थे। कांग्रेस का भी 2014 लोस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन था, लेकिन विस में प्रत्याशी जमानत भी न बचा पाए थे।
2014 लोस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी करीब 20 हजार वोटों से पीछे रहे थे। इस बार 65 हजार 438 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस को 28 हजार 958, जजपा-आप को 21 हजार 079, इनेलो को 12 हजार 259 व बसपा को 12 हजार 645 वोट मिले। अपने ही गढ़ में इनेलो बढ़त नहीं बना सकी। यहां पहले से पांचवें पायदान पर खिसक गई। बसपा-लोसपा गठबंधन की प्रत्याशी शशी सैनी भी इनेलो से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहीं। इस हलके में सबसे ज्यादा 209 बूथ थे। 145 में भाजपा, 24 पर जजपा-आप गठबंधन, 24 कांग्रेस, 12 बसपा व मात्र 3 बूथों पर ही इनेलो को जीत मिली।
चारों विधानसभा क्षेत्रों में सबसे बड़ा हलका कलायत
विधानसभा क्षेत्र कलायत जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में सबसे बड़ा हलका है। 2005 से पहले जिले में छह विधानसभा क्षेत्र होते थे, लेकिन 2009 के चुनाव से पहले पाई व राजौंद क्षेत्र को तोड़कर कलायत, पूंडरी व कैथल हलके में इन दोनों क्षेत्रों के गांव को जोड़ दिया गया। कलायत विधानसभा क्षेत्र अब नरड़ गांव तक फैला हुआ है।
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राजौंद भी इसका हिस्सा
राजौंद शहर भी इस क्षेत्र का हिस्सा है। दो लाख के करीब मतदाता हैं। 2009 से पहले यह क्षेत्र रिजर्व होता था। 2000 में यहां से इनेलो की टिकट पर दिना राम विधायक बने। 2005 में कांग्रेस की लहर थी और पहली बार विस चुनाव लड़ी पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल इनेलो प्रत्याशी प्रीतम सिंह कोलेखां को हराने में कायम रही। 2009 में पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा ने कांग्रेस प्रत्याशी तेजीमान को हराया, लेकिन 2014 में इनेलो प्रत्याशी को यहां से हार मिली। अब जयप्रकाश यहां से आजाद विधायक हैं।
भाजपा की जीत के बाद विस चुनाव के दावेदारों की बढ़ी संख्या
पिछले लोस व विस चुनाव में भाजपा को यहां से हार मिली थी। विस चुनाव में धर्मपाल शर्मा भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े थे। 25 हजार वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में इस हलके में भाजपा ने सभी को पछाड़ते हुए बेहतर प्रदर्शन किया। इसे लेकर अब भाजपाई उत्साहित हैं। भारी बढ़त के बाद अब टिकट के दावेदारों ने अपना-अपना दावा जताना शुरू कर दिया है।
जनता के बीच पहुंचे दावेदार
जनता के बीच में भी अब दावेदार दिखाई देने लगे हैं। इस बढ़त का अक्टूबर माह में होने वाले विस चुनाव में काफी प्रभाव पड़ेगा। वहीं दूसरे दलों के नेताओं की भाजपा की इस बढ़त ने ङ्क्षचता बढ़ा दी है। विस चुनाव में वापसी को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने मंथन करना शुरू कर दिया है।
एक ये भी वजह
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी नायब सैनी के पक्ष में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जहां राजौंद क्षेत्र में रैली को संबोधित किया था, वहीं कलायत में 10 मई को दा ग्रेट खली ने रोड-शो निकाला था। कार्यक्रम में जुटी भारी भीड़ को सीएम वोटों में तबदील करने में सफल रहे।
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