दाल चावल में मंदा, 4-5 रुपये तक भाव टूटे
जागरण संवाददाता, पानीपत : दलहन पर स्टॉक सीमा खत्म होने के बाद भी दालों की कीमत में गिरावट क
जागरण संवाददाता, पानीपत :
दलहन पर स्टॉक सीमा खत्म होने के बाद भी दालों की कीमत में गिरावट का दौर थमा नहीं है। स्टॉक लिमिट खत्म होने के बाद अरहर, चना व मटर की दाल की कीमतें स्थिर हुई हैं लेकिन बाकी में गिरावट चल रही है। जीएसटी में दाल व चावल टैक्स दायरे से बाहर होने के कारण भी भाव में गिरावट दर्ज की गई। एक सप्ताह में चार से पांच रुपये किलो तक दाम टूट चुके हैं।
हर वर्ष गर्मी के दिनों दालों की अच्छी मांग निकलती है। अप्रैल में ही अरहर, चना, मटर, मसूर की दाल की फसले बाजार में आ जाती है। मूंग उड़द दो माह बाद आती है। बाजारों में आयातित दालों का स्टॉक भी है। दालों का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बताया जा रहा है। स्टॉक की लिमिट हटाए जाने के बाद भी दालों के भाव में वृद्धि नहीं हुई है।
जीएसटी का असर नहीं : करियाना मर्चेट का कहना है कि जीएसटी में दालों तथा चावल पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है, जिससे दाल और चावल में चार से पांच रूपये का मंदा दर्ज किया गया है। चीनी भी टूटी है।
थोक बाजार में कीमत (प्रतिकिलो ग्राम)
दाल तीन दिन पहले अब
अरहर 61 62
चना 67 67
मसूर मलका 52 49
मसूर काली 50 48
उड़द हरी 90 80
उड़द काली 65 62
उड़द धुली 80 75
मूंग 55 52
मूंग धुली 70 65
मैदा 21 21
नोट : यह थोक भाव है
प्रदेश में मार्केट फीस हटे
थोक डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के प्रधान राकेश गर्ग का कहना है कि जीएसटी में एक टैक्स की बात कही है। प्रदेश में मार्केट फीस नहीं हटाई जा रही। यहां मार्केट फीस होने से अन्य प्रदेशों की तुलना में भाव अधिक रहेगा। इसे देखते हुए मार्केट फीस हरियाणा में भी हटायी जानी चाहिए। दालों तथा चावल के भाव में चार से पांच रुपये किलो का मंदा एक सप्ताह में दर्ज किया गया है। दाल चावल पर जीएसटी नहीं लगाया गया है।