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23 सब-डिवीजनों के निजीकरण का विरोध

जागरण संवाददाता, पानीपत : एचएसईबी वर्कर यूनियन के प्रदेश प्रधान कंवर सिंह यादव ने कहा कि बिजली नि

By Edited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 08:38 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2015 08:38 PM (IST)
23 सब-डिवीजनों के निजीकरण का विरोध

जागरण संवाददाता, पानीपत :

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एचएसईबी वर्कर यूनियन के प्रदेश प्रधान कंवर सिंह यादव ने कहा कि बिजली निगमों को अधिकारियों ने प्रयोगशाला बना दिया है। 23 सब-डिवीजनों को ठेके पर देने का जो निर्णय लिया है उसकी घोर निंदा करते हैं। इसको रोकने के लिए चाहे जितना बड़ा आंदोलन करना पड़े, कुर्बानी देनी पड़े, करेंगे। वह गोहाना रोड स्थित पावर हाउस में आयोजित यूनियन की राज्य स्तरीय कन्वेंशन में बोल रहे थे। इसमें प्रदेश से बिजली बोर्ड यूनियन के कर्मचारियों ने शिरकत की।

यूनियन की भविष्य की रणनीति बताते हुए यादव ने बताया कि सर्कल स्तर पर रोष प्रदर्शन होगा। 12 से दो बजे तक धरना दिया जाएगा। सिरसा में 12 जनवरी, अंबाला में 20 जनवरी, हिसार में 27 जनवरी, यमुनानगर में दो फरवरी, भिवानी में 9 फरवरी, करनाल में 16 फरवरी, नारनौल में 23 फरवरी, कुरुक्षेत्र में एक मार्च, रिवाड़ी में 8 मार्च, पानीपत में 15 मार्च, गुड़गांव में 29 मार्च, कैथल में पांच अप्रैल, पलवल में 12 अपै्रल, जींद में 19 अप्रैल, फरीदाबाद 26 अप्रैल, सोनीपत तीन मई, थर्मल पानीपत 10 मई, रोहतक 17 मई खेदड़ 24 मई झज्जर दो जून, थर्मल यमुनानगर में 7 जून को धरना प्रदर्शन होंगे।

यूनियन के प्रदेश महासचिव बाल कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार व निगम को हमने अपना जो 17 सूत्रीय मांग पत्र भेजा है उसमें 2013 की हड़ताल में बने झूठे केस को वापस लेने, पंजाब के सम्मान वेतन मान देने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, मेडिकल कैस लेस सुविधा लागू करने, वेतन की विसंगतियां दूर करने, मुख्यालय व फील्ड कैडर को एक करने, वर्कलोड के हिसाब से पदों का सृजन करने एक्सग्रेशिया नीति बहाल करने, निजीकरण बंद करने, चंडीगढ़ की तर्ज पर नए बने नगर निगमों में रहने वाले कर्मचारियों को हाउस रेंट 20 प्रतिशत करने संबंधी मांग है।

यूनियन के मुख्य संगठन कर्ता वेदप्रकाश शर्मा ने कहा कि हड़ताल, धरने, प्रदर्शनों पर लगाए गई रोक के विरोध में आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए हरियाणा का कर्मचारी तैयार है।

यूनियन प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र खोखर ने कहा कि 1966 में प्रदेश सभी कैटेगरी के 3 लाख 13 हजार कनेक्शन थे। जो अब 56 लाख 53 हजार 055 हो चुके हैं। उस समय 18 हजार कर्मचारी कार्यरत थे जबकि अब मात्र 23 हजार 400 कर्मचारी निगमों कार्यरत है। यार्ड स्टिक के मुताबिक 54 हजार बिजलीकर्मी पूरे प्रदेश में तैनात होने चाहिए। अनुमान लगाया जा सकता है कि स्टाफ कितने वर्क लोड के दबाव में काम कर रहा है।

नरेंद्र खोखर ने कहा कि 23 सब-डिवीजनों का निजीकरण कर 591 करोड़ का राजस्व निजी हाथों को सौंपा जा रहा है। जबकि सभी सब-डिवीजनों का राजस्व 1738 करोड़ है। इससे निगम का घाटा और बढ़ाने की तैयारी है। कन्वेंशन को संबोधित करने वालों में देवी प्रसाद भंट्ट, राजबीर रोहिला, अनिल कौशिक, सुनिल खटाना, महेंद्र सिंह के अलावा प्रदेश भर से आए सर्कल सचिव एंव सभी यूनिट प्रधान सचिव शामिल रहे।


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