मेयर की लड़ाई में भाजपा बैक फुट पर, चुनाव स्थगित
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम मेयर कुर्सी को लेकर भाजपा के अंदर चल रही खींचतान ने एक बार फिर
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम मेयर कुर्सी को लेकर भाजपा के अंदर चल रही खींचतान ने एक बार फिर पार्टी को बैकफुट पर उस समय ला दिया जब भाजपा मेयर के लिए नाम का चयन करने के बावजूद बंद लिफाफे को खोलने का साहस नहीं जुटा सकी। इसके बाद शुक्रवार सुबह 10 बजे लघु सचिवालय के सभागार में होने वाला चुनाव आगामी कुछेक दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया। यह बात अलग है कि चुनाव स्थगित कराने का प्रशासनिक कारण नगर निगम आयुक्त शिव प्रसाद शर्मा का चुनाव से ठीक आधे घंटे पहले बीमार होना बताया गया है। चुनाव स्थगित होने की आधिकारिक घोषणा होने के बाद भाजपा समर्थित 15 पार्षदों की बैठक स्काईलार्क में हुई, जिसमें सभी पार्षदों ने एकजुटता की कसम खाते हुए कहा कि पार्टी जो फैसला लेगी हमे मंजूर है।
इससे पूर्व भाजपा पार्षद दुष्यंत भट्ट, लोकेश नांगरू, अशोक नारंग, संजीव दहिया, पूर्व मेयर सरदार भूपेंदर सिंह, अशोक कटारिया सहित 15 पार्षद मेयर चुनाव में भाग लेने के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष गजेंद्र सलूजा के साथ स्काईलार्क पहुंचे। यहां जिला अध्यक्ष सलूजा ने पार्टी की ओर से दिए गए बंद लिफाफे की सूचना देते हुए कहा कि पार्टी का आदेश है कि जिसका नाम आएगा सभी पार्षद उसके नाम का समर्थन करेंगे।
नाश्ते की मेज पर मिली सूचना
भाजपा अध्यक्ष गजेंद्र सलूजा की मानें तो उन्हें सूचना सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर उस समय मिली जब नगर निगम कार्यालय से भाजपा पार्षद दुष्यंत भट्ट के सहित अन्य पार्षदों के पास फोन आया कि निगम आयुक्त की तबीयत खराब हो गई है। इस कारण चुनाव को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। इसके बाद मैंने पार्षद हरीश और एक अन्य पार्षद को निगम कार्यालय वस्तु स्थिति का पता लगाने के लिए भेजा।
निगम आयुक्त को भी किया फोन, नहीं उठाया
निगम आयुक्त के बीमार होने का हवाला देते हुए मेयर चुनाव स्थगित किये जाने की सूचना के आधिकारिक पुष्टि के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष गजेंद्र सलूजा ने निगम आयुक्त के मोबाइल पर सुबह 10 बजे फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
बंद लिफाफा वापस भेज रहे हैं: सलूजा
भाजपा जिला अध्यक्ष गजेंद्र सलूजा ने चुनाव स्थगित होने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी मेयर चुनाव को एकजुट है। कल रात पार्टी की ओर से बंद लिफाफा आ गया था। लिफाफे को चुनाव के पटल पर ही खोलना था, इसलिए उसे नहीं खोला गया है। चुनाव स्थगित हो गया है। इस नाते बंद लिफाफे को पार्टी हाईकमान के पास वापस भेजा जा रहा है।
प्रधान और विधायक पति के सुर अलग-अलग
चुनाव स्थगित किये जाने के बाद भाजपा जिला प्रधान सलूजा ने कहा कि पार्टी ने फैसला कर लिया था और नाम बंद लिफाफे में था। इसके ठीक विपरीत भाजपा शहरी विधायक रोहिता रेवड़ी के पति सुरेंद्र रेवड़ी ने कहा कि पार्टी ने किसी का नाम तय नहीं किया है। मेयर भाजपा का ही होगा।
मेयर के दावेदार ने क्या कहा
दुष्यंत भट्ट
मैं पार्टी का एक साधारण कार्यकर्ता हूं। मेयर का दावेदार नहीं। पार्टी जिसके नाम पर मुहर लगाएगी वही मंजूर है। बहुमत भाजपा के पक्ष में है, तभी तो 23 में 15 पार्षद पार्टी के साथ हैं।
सुरेश वर्मा
कांग्रेसी या कांग्रेस समर्थित मेयर नहीं बनेगा। भाजपा का ही मेयर बनेगा। भाजपा के पास पर्याप्त बहुमत है।
सरदार भूपेंद्र
मैं मेयर की दौड़ में नहीं हूं। पार्टी जो फैसला लेगी वही मंजूर होगा है।
आंकड़ों के खेल में उलझी भाजपा
संगठन ने भले ही दुष्यंत भट्ट के नाम पर मुहर लगा दी थी, लेकिन आंकड़ों के खेल में उसे पार्टी के ही लोगों ने उस समय उलझा दिया जब यह संदेश पार्टी हाईकमान पास भिजवाया गया कि चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की हार हो सकती है। हार के कारण गिनाए गए कि संगठन प्रत्याशी आंकड़ों के खेल में पिछड़ गए हैं। क्योंकि पूर्व मेयर सरदार भूपेंदर और उनके समर्थकों ने सुनील वर्मा को अपना समर्थन दे दिया है। ऐसे में यदि वर्मा स्वयं चुनावी मैदान में पार्टी से बगावत कर उतर सकते हैं या भट्ट को हराने के लिए भाजपा समर्थित पार्षद किसी अन्य या कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी का समर्थन कर सकते हैं।
यहां बता दें कि पूर्व मेयर सरदार भूपेंद्रर सिंह अविश्वास प्रस्ताव हार जाने के बाद भट्ट से नाराज चल रहे हैं और वे किसी भी सूरत में उन्हें अपना समर्थन नहीं देना चाहते। यही स्थिति शहरी विधायक की भी है।
सोशल मीडिया पर सूचना देर रात ही
मेयर कुर्सी की लड़ाई की गुत्थी सुलझाने में जुटी भाजपा को कांग्रेस किसी भी सूरत में बढ़त नहीं लेने देना चाहती है। इन सबके बीच देर रात सोशल मीडिया पर इस आशय की सूचना जारी कर दी गई थी चुनाव स्थगित होकर ही रहेगा। संगठन कितनी भी ताकत लगा ले, पार्टी में एकजुटता नहीं है।