रोडवेज वर्कशॉप कर्मी-लेखाधिकारी भिड़े
फोटो संख्या-08 - कर्मचारियों ने लेखाधिकारी पर लगाया मारपीट का आरोप - महाप्रबंधक ने कहा, कर्मचारी
फोटो संख्या-08
- कर्मचारियों ने लेखाधिकारी पर लगाया मारपीट का आरोप
- महाप्रबंधक ने कहा, कर्मचारी लेखाधिकारी को गालियां दे रहे थे
- एसीपी को लेकर रोडवेज वर्कशॉप के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
- दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ चौकी में दी शिकायत
जागरण संवाददाता, पानीपत : एसीपी (सेवा का लाभ) को लेकर रोडवेज की वर्कशॉप के कर्मचारी और डिपो प्रबंधन बृहस्पतिवार को आमने-सामने आ गए। कर्मचारी नारेबाजी करते हुए डिपो महाप्रबंधक के कार्यालय पहुंचे। वहां पर लेखाधिकारी व कर्मचारी आपस में भिड़ गए। कर्मचारियों का आरोप है कि लेखाधिकारी ने एक कर्मचारी के साथ मारपीट की, जबकि डिपो महाप्रबंधक कहना है कि कर्मचारी लेखाधिकारी पर झपट पड़े थे। लेखाधिकारी अपने आप को बचाने के लिए महाप्रबंधक के कार्यालय में घुस गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ बस स्टैंड चौकी में शिकायत दे दी। कर्मियों ने एसीपी न देने और लेखाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई न होने तक धरना देने की चेतावनी दी है।
पानीपत डिपो की वर्कशॉप में काम करने वाले कर्मचारी बृहस्पतिवार सुबह करीब 9 बजे वर्कशॉप के गेट में इकट्ठे हुए। कर्मचारियों ने एसीपी न देने पर डिपो प्रबंधनके खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। कुछ देर वहां नारेबाजी करने के बाद कर्मचारी महाप्रबंधक के कार्यालय के सामने पहुंचे। यहां कर्मचारियों ने डिपो प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। इसी दौरान वहां पर लेखाधिकारी संजीव दहिया और कर्मचारियों के बीच बहस होने लगी। कर्मचारियों का आरोप है कि लेखाधिकारी ने वर्कशॉप के कर्मचारी रामपाल अनाउंसर को थप्पड़-घुसे मारे। कर्मचारियों ने उसका बीचबचाव किया। डिपो प्रबंधन का कहना है कि कर्मचारी लेखाधिकारी पर झपट पड़े। लेखाधिकारी अपने आप को बचाने के लिए महाप्रबंधक के कार्यालय में घुस गए। गंभीरता को देखते डिपो प्रबंधक ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। इस पर पुलिस वहां पहुंची और लेखाधिकारी को पुलिस अपनी सुरक्षा में लेकर गई। उधर, कर्मचारी रामपाल का सिविल अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद बस स्टैंड चौकी में लेखा अधिकारी के खिलाफ शिकायत दे दी, लेकिन लेखा अधिकारी ने भी कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायत दे दी। इसके बाद कर्मचारी वर्कशॉप के गेट के सामने धरने पर बैठ गए।
पांच वर्ष से नहीं मिल रही एसीपी
वर्कशॉप के मैकेनिक समेराम मलिक ने बताया कि वर्कशॉप कर्मचारियों को पांच वर्षो से एसीपी नहीं मिली है। इसलिए प्रत्येक कर्मचारी को कम से कम 6000 रुपये प्रति माह नुकसान हो रहा है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट और मुख्यालय ने कर्मचारियों को एसीपी देने के आदेश दे रखे हैं, फिर भी डिपो प्रबंधक कर्मचारियों को एसीपी नहीं दे रहा है। एसीपी को लेकर कई बार डिपो महाप्रबंधक से मिल चुके हैं, लेकिन एसीपी नहीं दे रहे। पानीपत डिपो को छोड़कर आसपास के वर्कशॉप के कर्मचारियों को एसीपी दिया जा चुका है। डिपो महाप्रबंधक जान बूझकर कर्मचारियों को एसीपी नहीं दे रहे। कर्मचारियों ने एसीपी और लेखा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई न होने से अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। कर्मचारी टूल डाउन करके सुबह 9 से शाम 5 बजे तक वर्कशॉप के गेट के सामने अनिश्तिकालीन धरना देगें। इस अवसर पर कृष्ण नोहरा, जगबीर आरआर, हरपाल वर्मा, संसार सिंह, रामनिवास, गुलाब सिंह, कुलभूषण, नवीन कुमार, रमेश कुमार और महासिंह आदि उपस्थित रहे।
छह कर्मचारी सस्पेंड
डिपो महाप्रबंधक सुल्तान सिंह ने वर्कशॉप के छह कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड होने वालों में रामपाल एनाउंसर, सुमेर ट्रनर, बिजेंद्र, राममेहर हेल्पर, ओमप्रकाश कारपेंटर और समेराम मैकेनिक शामिल हैं। लेखाधिकारी को गालियां देने और उनके पर झपटने के कारण कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है। जब कर्मचारियों ने लेखाधिकारी पर मारपीट का आरोप लगाया है।
जांच के बाद चलेगा सच्चाई का पता
बस स्टैंड चौकी प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दी है। गंभीरता को देखते हुए शिकायतों की बारीकी से जांच की जा रही है। तफ्तीश के बाद ही वास्तविकता का पता चल सकेगा।
गालियां देने पर किए सस्पेंड
डिपो महाप्रबंधक सुल्तान सिंह ने बताया कि कर्मचारी उनके कार्यालय के बाहर आकर लेखाधिकारी को गलियां देने लगे। लेखा अधिकारी ने विरोध किया तो कर्मचारी उन पर झपट पड़े। लेखाधिकारी ने मेरे कार्यालय में घुस कर अपनी जान बचाई। गालियां देने वाले छह कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। बाद में पुलिस अपनी सुरक्षा के बीच लेखाधिकारी को बाहर लेकर गई।