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एलआइसी अधिकारी के हत्यारे दोषी करार

By Edited By: Published: Sun, 14 Sep 2014 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 14 Sep 2014 01:01 AM (IST)
एलआइसी अधिकारी के हत्यारे दोषी करार

जागरण संवाददाता, पानीपत : कार में लिफ्ट देकर छीनाझपटी के बाद हत्या करने के मामले में अदालत ने दो आरोपियों को दोषी करार दे दिया। ढाई साल पहले एलआइसी के सहायक प्रशासनिक अधिकारी की हत्या के बाद शव नहर में फेंक दिया था। बाद में उसका शव सोनीपत जिले के ककरोई गांव के पास नहर में मिला था। दोषियों की सजा पर बहस 16 सितंबर को होगी। आरोपियों के खिलाफ थाना चांदनी बाग में मामला दर्ज है।

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विकास नगर निवासी एलआइसी में सहायक प्रशासनिक अधिकारी चंद्र प्रकाश का तबादला जयपुर कर दिया था। 27 फरवरी 2012 को ट्रेन से जयपुर जाने के लिए वह घर से चले थे। चंद्र प्रकाश न तो जयपुर पहुंचा और न ही वापस घर लौटा। परिजनों ने अगले दिन 28 फरवरी को पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। परिजनों ने उसका खाता चेक किया तो पता चला कि चंद्र प्रकाश के एटीएम कार्ड से तीन बार पैसे निकाले गए। 10 हजार रुपये बैंक ऑफ इंडिया और दो बार में 15 हजार रुपये एक्सिस बैंक के एटीएम से निकाले गए थे। एटीएम की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की तो पता चला कि एटीएम से पैसे निकालने वाला सहायक प्रशासनिक अधिकारी नहीं, बल्कि एक युवक था। वहीं, दूसरी ओर पुलिस ने नौल्था गांव के सोनू और केवल निवासी सेक्टर छह को किसी अन्य मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि 27 फरवरी को उन्होंने रास्ता पूछने के बहाने से एक व्यक्ति को कार में लिफ्ट दी। इसके बाद उसको डरा-धमका कर एटीएम कार्ड व नकदी छीन ली और उन्हें नहर पर ले गए। आरोपियों ने उसको जबरदस्ती शराब पिलाई और सिर में बोतल मारकर चंद्र प्रकाश की हत्या कर शव नहर में फेंक दिया था। काफी ढूंढने के बाद चंद्र प्रकाश का शव सोनीपत जिले के ककरोई गांव के पास नहर में मिला था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार करके पूछताछ की। पुलिस ने उनके पास से सहायक प्रशासनिक अधिकारी का बैग और 2100 रुपये बरामद किए थे। आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान 24 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनने के बाद शुक्रवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र सिंह की अदालत ने आरोपियों को भादंसं की धारा 120बी, 364, 382, 302, 201 और 34 के तहत दोषी करार दे दिया। दोषियों की सजा पर बहस 16 सितंबर को होगी।


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