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विजेंद्र को फिर राहत नहीं, हाई कोर्ट ने कहा-छुट्टी की जल्‍दी है ताे नौकरी छाेड़ दो

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्‍टार मुक्‍केबाज व हरियाणा पुलिस में डीएसपी विजेंद्र सिंह को छुट्टी के मामले में राहत देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि यदि विजेंद्र को छुट्टी की जल्‍दी है तो वह नौकरी छाेड़ सकते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2015 07:02 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 09:48 AM (IST)
विजेंद्र को फिर राहत नहीं, हाई कोर्ट ने कहा-छुट्टी की जल्‍दी है ताे नौकरी छाेड़ दो

जागरण संवाददाता चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्टार मुक्केबाज व हरियाणा पुलिस में डीएसपी विजेंद्र सिंह को छुट्टी के मामले में राहत देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि यदि विजेंद्र को छुट्टी की जल्दी है तो वह नौकरी छाेड़ सकते हैं।

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हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को भी निर्देश दिया कि वह भी चार दिन के भीतर इस मामले में हलफनामा दायर कर अपना पक्ष रखे। शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश बिंदल की एकल पीठ ने विजेंद्र को एक अन्य मामले में जवाब दाखिल नहीं करने पर फटकार लगाई।

विजेंद्र सिंह ने विदेश जाने के लिए हरियाणा सरकार के पास अवकाश का आवेदन दे रखा है। विजेंद्र ने हाई कोर्ट में याचिका देकर कहा है कि हरियाणा सरकार लंबे समय से छुट्टी के आवेदन पर विचार नहीं कर रही है। उसे जरूरी कार्य से विदेश जाना है। अतएव, अदालत हरियाणा सरकार को अवकाश देने का आदेश दे।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान विजेंद्र के वकील ने कहा कि हरियाणा सरकार उसके अवकाश के आवेदन पर कोई विचार नहीं कर रही है। एेसे में अदालत इसके लिए सरकार को निर्देश दे। एकल पीठ ने इससे मना करते हुए कहा कि इस पर हरियाणा सरकार निर्णय लेगी। अगर विजेंद्र को जल्दी है तो वह नौकरी छोड़ कर जा सकते हैं।

वकील ने कहा, सरकारी नौकरी कर रहे 25 खिलाड़ी खेल रहे प्रोफेशनल

एकल पीठ ने विजेंद्र के वकील से पूछा कि क्या कोई ऐसा खिलाड़ी है जो सरकारी नौकरी के साथ प्रोफेशनल खेल में हो और किसी अन्य जगह खेल रहा हो। इस पर विजेंद्र के वकील ने कहा कि 25 खिलाड़ी ऐसे हैं जो प्रोफेशनल खेल के साथ सरकारी नौकरी में हैं। वकील ने सानिया मिर्जा का उदाहरण देते हुए कहा कि वह सरकारी नौकरी के दौरान विंबलडन प्रतियोगिता के लिए विदेश गई थी।

इस पर एकल पीठ ने कहा कि सानिया देश के नाम पर व देश के झड़े के नीचे खेली थी। पीठ ने कहा कि विजेंद्र को डीएसपी की नौकरी खेल आधार पर मिली है। इस पर विजेंद्र के वकील ने कहा कि विजेंद्र तो राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई खिताब जीत चुके हैं लेकिन सरकार ने तो कई ऐसे खिलाडिय़ों को भी डीएसपी बनाया है जो नाम मात्र के नेशनल खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने क्रिकेटर जोगेंद्र शर्मा की चर्चा करते हुए कहा कि वह डीएसपी के बाद कहीं भी सही से नहीं खेल पाए।

इसके बाद एकल पीठ ने कहा कि दोनो पक्षों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 7 सितंबर तक स्थगित कर दी।

एक अन्य मामले में जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार

दूसरी ओर, हाई कोर्ट ने विजेंद्र के प्रोफेशनल मुक्केबाजी में उतरने की खबरें पर लिए गए स्वत: संज्ञान के मामले में नोटिस के बावजूद जवाब दाखिल नहीं करने पर उसे कड़ी फटकार लगाई। इस मामले में हाईकोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा है कि बाक्सर विजेंद्र सिंह ने ज्यादा पैसा कमाने के लिए प्रोफेशनल मुक्केबाजी में उतरने के लिए विदेशी कंपनी से करार किया हैं । विजेंद्र के इस फैसले से देश के लाखों खेल प्रेमी का दिल टूट गया।


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