रामराज पर सवाल उठा कर विवादों में घिरे वरिष्ठ IAS प्रदीप कासनी
हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस प्रदीप कासनी एक बार फिर विवाद में फंस गए हैं। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में रामराज पर सवाल खड़े किए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। अक्सर सुर्खियों में रहने वाले हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस प्रदीप कासनी एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने फेसबुक पर रामराज की अवधारणा पर सवाल उठा कर विवाद पैदा कर दिया है। कासनी की राय सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। इससे राज्य में भी हंगामा हो गया है। उनकी टिप्पणी के राजनीतिक मायने भी निकालने को कोशिश हो रही है। कासनी के 32 साल की नौकरी में 70 से अधिक तबादले हो चुके हैं।
वरिष्ठ आइएएस की फेसबुक वॉल पर टिप्पणी से सोशल मीडिया में छिड़ी बहस
कासनी ने फेसबुक पर लिखा है- 'रामराज बुरी बात है। राम को राज करना नहीं आता। उन्होंने तो सीताजी का फैसला भी ठीक नहीं किया था। ...और गलत की कहीं अपील थी, न दलील। रामराज्य अच्छी बात नहीं है।' उनकी टिप्पणी के बाद फेसबुक पर लोग अपनी प्रतिक्रिया देेने लगे अौर पूरे मामले में बवाल सा मचता दिख रहा है। फेसबुक पर प्रदीप कासनी की पोस्ट-
प्रदीप कासनी 28 फरवरी 2018 को रिटायर होने वाले हैं। उन्हें पिछली हुड्डा सरकार और मौजूदा मनोहर सरकार में अभी तक कोई अच्छी पोस्टिंग नहीं मिली है। हालांकि कासनी को एक बार गुरुग्राम का मंडलायुक्त भी बनाया गया, लेकिन बावल जमीन अधिग्रहण के मामले में जमीन के अधिक रेट तय कर दिए जाने के आरोपों के चलते उन्हें वापस मुख्यालय बुला लिया गया था।
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कासनी की इस टिप्पणी को केंद्र और प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के रामराज्य के नारे से जोड़ कर देखा जा रहा है। कासनी ने सोशल मीडिया पर चली बहस को आगे बढ़ाते हुए फेसबुक पर लिखा 'वह भगवान हैं, ईश्वर हैं, पारलौकिक हैं। राजकाज के लिए चलने लायक सिस्टम, सुनवाई और सहकार के जंतर-तंतर बनाने पड़ते हैं। वह ख़ुदाओं का काम नहीं। वह धोखा नहीं देते, बस उनका होना न होना बराबर होता है।' इसके बाद भी उन्होंने इस बारे में टिप्पणी का क्रम जारी रखा।
फेसबुक पर प्रदीप कासनी की पोस्ट-
कासनी अभी हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। भाजपा की सरकार में उनका कई बार तबादला हो चुका है। इसी सरकार में एक समय ऐसा भी आया जब वह दो महीने बिना किसी पोस्ट के रहे। करीब 32 साल के करियर में उनके 70 से अधिक तबादले हुए हैं।