समाजशास्त्रियों का सवालः लालबत्ती का सुरूर उतरा पर सत्ता का गुरूर कैसे उतरेगा
समाजशास्त्रियों का कहना है कि प्रधानमंत्री लाल बत्ती तो उतरवा सकते हैं पर वीआइपी मानसिकता तो खुद को ही बदलनी होगी। हरियाणा के मंत्रियों ने मोदी के फैसले का स्वागत किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। वीआइपी कल्चर खत्म करने के लिए वाहनों से लाल बत्ती हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद हरियाणा के मंत्रियों, विधायकों और अफसरों ने अपनी गाड़ियों से लाल बत्ती उतारनी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा कारों से लाल बत्ती उतारने के बाद मंत्रियों में भी उनका अनुसरण करने की होड़ मच गई। एक के बाद एक कई मंत्रियों ने अपनी कारों से खुद ही लाल बत्ती को हटाया। इस दौरान कुछ मंत्री तो सेल्फी लेने से भी नहीं चूके।
समाज शास्त्रियों ने हालांकि प्रधानमंत्री के लालबत्ती उतारने के आदेश का स्वागत किया है, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि लोगों की वीआइपी मानसिकता कैसे बदलेगी? प्रधानमंत्री लालबत्ती का सुरूर तो उतार सकते हैं पर सत्ता के गुरूर से तो विशिष्ट जनों को खुद ही दूर होना पड़ेगा। बता दें कि मंत्रियों और अफसरों को अभी 1 मई तक लाल बत्ती लगाने की छूट है, लेकिन हरियाणा सरकार के मंत्रियों ने अभी से लाल बत्तियों को उतारना शुरू कर दिया है।
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने भी अपनी गाड़ी से लाल बत्ती को उतरवा दिया। लाडवा के भाजपा विधायक डॉ. पवन सैनी ने केंद्र के फैसले से पहले ही लाल बत्ती को उतार दिया था। बुधवार को केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी बिना बत्ती की कार में सफर करते दिखाई दिए।
इन्होंने उतारी लाल बत्ती
मुख्यमंत्री मनोहर लाल
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज
शहरी निकाय मंत्री कविता जैन
उद्योग मंत्री विपुल गोयल
सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर
मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा
एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला
मेवात के डीसी मनीराम शर्मा
लोकतांत्रिक मूल्यों को मिलेगी मजबूती
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि सभी जनप्रतिनिधियों को सत्ता सुख भोगने के बजाय समाज की नि:स्वार्थ सेवा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस पहल से देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती मिलेगी। इससे आम और खास के बीच का अंतर खत्म होगा।
मोदी की इच्छा ही हमारे लिए कानून
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा ही हमारे लिए कानून है। सेंट्रल एक्ट में प्रावधान कर केंद्र ने अच्छी पहल की है। अब चाहे मंत्री हों या अफसर, सभी को वाहन से लाल बत्ती हटानी होंगी।
लोकतंत्र को मजबूत करने वाला फैसला
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु इसे लोकतंत्र को मजबूत करने वाला फैसला बताते हैं। प्रदेश में इसे लागू करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। आम और खास आदमी के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए भाजपा सरकार ने पहले भी कई बड़े फैसले लिए हैं।
यह एक सकारात्मक कदम
सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर का कहना है कि मैं हमेशा महसूस करता था कि लाल बत्ती जैसी सुविधा या विशेषाधिकार की कोई आवश्यकता नहीं है। यह एक सकारात्मक कदम है जिसकी आम आदमी द्वारा सराहना की जा रही है। इससे लोगों को सरकार के करीब लाने में मदद मिलेगी।
एेतिहासिक फैसला
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन का कहना है कि सभी मंत्रियों, राजनेताओं और उच्चाधिकारियों के सरकारी वाहन पर लाल बत्ती के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला स्वागत योग्य है। पीएम ने जिस तरह से नोटबंदी का निर्णय लिया था, उसी प्रकार लाल बत्ती पर प्रतिबंध लगाने के फैसला भी ऐतिहासिक है।
अब क्या होगा इन बत्तियों का
सरकार किसी भी वीआइपी को लाल बत्ती लगाने का परमिट (अनुमति पत्र) जारी करती है। बत्ती का इंतजाम खुद करना पड़ता है। ऐसे में यह बत्तियां उतरने के बाद या तो शो-पीस बन जाएंगी या फिर स्टोर में पड़ी रहेंगी।
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