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मनरेगा घोटाले में चार आइएएस अफसरों पर केस दर्ज करने की सिफारिश

अंबाला के दस साल पुराने मनरेगा घोटाले में लोकायुक्त ने हरियाणा के चार आइएएस अफसरों पर आपराधिक केस की सिफारिश की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 29 May 2017 08:00 PM (IST)Updated: Mon, 29 May 2017 08:01 PM (IST)
मनरेगा घोटाले में चार आइएएस अफसरों पर केस दर्ज करने की सिफारिश
मनरेगा घोटाले में चार आइएएस अफसरों पर केस दर्ज करने की सिफारिश

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने करीब दस साल पुराने अंबाला के बहुचर्चित मनरेगा घोटाले में चार सीनियर आइएएस अधिकारियों को आरोपी माना है। लोकायुक्त ने इन चारों के खिलाफ भ्रष्टाचार, जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में आपराधिक केस दर्ज करने की सिफारिश की है। 

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इन अफसरों में फरीदाबाद के डीसी समीरपाल सरों, कुरुक्षेत्र की डीसी सुमेधा कटारिया, चंडीगढ़ के पूर्व डीसी एवं शुगरफेड के एमडी मोहम्मद शाइन और महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक रेणु फुलिया शामिल हैैं। अंबाला में जब 25.13 करोड़ रुपये का यह मनरेगा घोटाला हुआ, तब चारों अधिकारी वहां डीसी और एडीसी के रूप में कार्यरत थे। इसी केस में अंबाला के वन मंडल अधिकारी जगमोहन शर्मा सहित नौ अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज है। वन विभाग के चार अधिकारियों को पूर्व में सस्पेंड किया जा चुका है।

अंबाला के तत्कालीन एडीसी संजीव वर्मा ने मनरेगा घोटाले को उजागर किया था और पिछली हुड्डा सरकार में अंबाला छावनी के विधायक (अब मनोहर सरकार में स्वास्थ्य मंत्री) अनिल विज ने विधानसभा में उठाया था। दूसरे एडीसी वजीर सिंह गोयत ने भी अपनी जांच में संजीव वर्मा के आरोपों की पुष्टि की थी। वर्मा फिलहाल समाज कल्याण विभाग में निदेशक हैैं।

आइएएस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होने से खफा आरटीआइ एक्टिविस्ट पीपी कपूर इस मामले को लोकायुक्त की अदालत में लेकर गए। अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने अंबाला में डीसी और एडीसी रहते हुए बिना किसी प्रशासनिक-तकनीकी अनुमति तथा नियमों के वन अधिकारियों को चेक काटकर पेमेंट कर दी।

लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने सरकार से कहा है कि आरोपी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट उन्हें तीन माह के भीतर दें। उन्होंने सरकार को सलाह दी है कि अंबाला का मनरेगा घोटाला काफी पेचीदा और गंभीर है। लिहाजा किसी अच्छे पुलिस अधिकारी से घोटाले की गहराई तक जांच कराई जानी चाहिए।

मनरेगा घोटाले में फंसे अफसरों का प्रोफाइल

1. 2002 बैच के आइएएस मोहम्मद शाइन फिलहाल हरियाणा सहकारी चीनी मिल प्रसंघ के प्रबंध निदेशक तथा आपूर्ति और निपटान के निदेशक हैं। वह चंडीगढ़ में डीसी भी रह चुके।
2. 2002 बैच के आइएएस समीरपाल सरो फरीदाबाद के डीसी हैं। साथ ही पर्यटन विभाग के निदेशक पद की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।
3. 2002 बैच की आइएएस रेणु फुलिया महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक व विशेष सचिव, महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक और बाल अधिकार सुरक्षा आयोग की सचिव हैं। 
4. एचसीएस से आइएएस बनीं सुमेधा कटारिया कुरुक्षेत्र की डीसी हैं।

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