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बेटियां सुन लें : अब डरने से नहीं, लड़ने से बनेगी बात

राजेश मलकानिया, पंचकूला : जिले में लगातार महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही वारदात के बाद हक क

By Edited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 02:59 AM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 02:59 AM (IST)
बेटियां सुन लें : अब डरने से नहीं, लड़ने से बनेगी बात
बेटियां सुन लें : अब डरने से नहीं, लड़ने से बनेगी बात

राजेश मलकानिया, पंचकूला : जिले में लगातार महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही वारदात के बाद हक की लड़ाई लड़ रही महिलाओं ने बेटियों को डरने के बजाय हर हाल में लड़ने के लिए प्रेरित किया है। संदेश दिया है कि महिलाओं को घर की चारदीवारी की रौनक समझने वालों को अब अपनी सोच बदलकर अपनी बेटियों को आत्मरक्षा के लिए प्रेरित करना होगा। समाज में घूम रहे अपराधिक तत्वों से कैसे लड़ना है, उसके लिए तैयार करना होगा। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में इन महिलाओं ने कहा कि पंचकूला शहर में पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से लड़कियों के साथ वारदात हो रही हैं, उससे लगता है कि बेटियां शहर में सुरक्षित नहीं है, इसलिए अब इन बेटियों को ही अपनी रक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा, ताकि कोई भी आंख उठाने से पहले दस बार सोचे।

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पीड़िताओं के खुलकर समर्थन में हुड्डा, सुप्रीम कोर्ट तक लड़ने का एलान

एडवोकेट नंदिता हुड्डा को देखकर कोई नहीं कह सकता कि वह जूडो कराटे में इंटरनेशनल स्तर पर खिताब पा चुकी हैं। उनके पति नरेद्र हुड्डा भी पेशे से वकील है। वह अक्सर समाज में कमजोर एवं पीड़ित महिलाओं को आत्मनिर्भर करने में अपना समय बिताती है। महिला को कोई प्रताड़ित करता हो, उसकी कानूनी मदद करने में भी नंदिता हुड्डा पीछे नहीं हटतीं। नंदिता हुड्डा अपनी बेटी को भी वकालत करवा रही है और अपने बच्चों में भी वह गुण भर रही है कि समाज से प्रताड़ित लोगों की मदद जरूर करे। नंदिता हुड्डा मानती है कि जिस तरह से पंचकूला में दो वारदात में युवतियों को उठा लिया गया और उनके साथ दरिंदगी करके छोड़ दिया गया, उससे लगता है कि समाज में पुलिस का भय अपराधियों में नहीं रहा है, इसलिए मां-बाप को अपनी बेटियों को ही आत्मरक्षा के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि दोनों पीड़िताओं में कोई भी उनकी कानूनी मदद लेना चाहेगी, तो वह उनके पति हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक उनकी मदद नि:शुल्क करेगे।

बेटियों को मार्शल आर्ट सिखा लड़ने को तैयार कर रहीं अमिता

मार्शल आ‌र्ट्स एक्सपर्ट अमिता मरवाहा का मानना है कि लड़कियों को हमेशा ही घर से बाहर निकलने से रोका जाता है। जूडो कराटे, बॉक्सिंग, मार्शल आ‌र्ट्स इत्यादि लड़कों के खेल माने जाते थे, परंतु छोटी-छोटी टेक्नीक सीखकर बड़ी समस्या से बचा जा सकता है। मैं अपनी दोनों बेटियों को मार्शल सिखा रही हूं। साथ ही विभिन्न कॉलोनियों में रहने वाले लड़के-लड़कियों को भी यह टेक्नीक फ्री में सीखाकर उन्हे सामने आने वाली मुसीबत से लड़ने के लिए तैयार कर रही हूं। अब समय डरने का नहीं, लड़ने का है। जहां नरम, वहां नरम रहो, जहां कोई गरम हो, वहां दुगुना गरम हो जाना चाहिए।

कोमलता को कभी कमजोरी न बनने दें : सुषमा

भजन गायिका सुषमा शर्मा का कहना है कि लड़किया आज के समय में किसी से कम नहीं है। लड़किया यदि खाना बनाना जानती है, तो गाना गाना भी जानती है और मुसीबत आने पर दूसरों को बजाना भी जानती है। लड़किया कोमल जरूर हैं, लेकिन कमजोर नहीं। जो लोग लड़कियों की इस कोमलता का फायदा उठाते हैं, वह फिर समय आने पर औंहदे मुंह गिरते हैं। इसलिए लड़कियों को अपनी कोमला को कमजोरी नहीं बनने देना है।

नहीं लगता महिला थाने का नंबर

पंचकूला पुलिस की वेबसाइट पर महिला थाने का जो नंबर 0172-20201091 दे रखा है, वह पिछले कई दिनों से नहीं मिल रहा है। इस नंबर को पुलिस की ओर से विभिन्न जगहों पर पब्लिश भी कर रखा है। इसके अलावा महिला थाना प्रभारी का मोबाइल नंबर 8146630022 पर बात करना चाहो, तो वह अपनी मर्जी से फोन उठाती हैं। ऐसे में यदि रात के समय कोई महिला समस्या में फंसी हो, तो वह कौन से नंबर पर फोन करे, समझ नहीं आता।


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