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कई जगहों पर बारिश और धूल भरी आंधी ने दी गर्मी से राहत, मंडियों में गेहूं भीगा

हरियाणा में बृहस्‍पतिवार को कई जगहों पर बारिश्‍ा हुई और धूल भरी आंधी चली। इससे गर्मी से राहत तो मिली है, ले‍किन मंडियों में रखे गेहूं काे नुकसान पहुंचा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 27 Apr 2017 01:14 PM (IST)Updated: Thu, 27 Apr 2017 01:14 PM (IST)
कई जगहों पर बारिश और धूल भरी आंधी ने दी गर्मी से राहत, मंडियों में गेहूं भीगा
कई जगहों पर बारिश और धूल भरी आंधी ने दी गर्मी से राहत, मंडियों में गेहूं भीगा

जेएनएन, हिसार। हरियाणा में बृहस्‍पतिवार को सुबह कई जगहों पर बारिश हुई। कुछ जगहाें पर धूल भरी आंधी भी चली। कई क्षेत्रों में बुधवार देर रात भी बूंदाबांदी हुई। झज्‍जर, चरखी दादरी सहित कई जगहों पर बारिश के कारण अनाज मंडियों में रखी गेहूं की फसल भीग गई। प्रदेश में अभी 29 अप्रैल तक हलकी बारिश और धूल भरी आंधी चलने की संभावना है।

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झज्‍जर, सिरसा और चरखी दादरी सहित कई जगहों पर बृहस्‍पतिवार सुब‍ह बारिश हुई। इस दौरान धूलभरी आंधी भी चली। बारिश के कारण अनाजमंडियों में रखे गेहूं से भरे कट्टे भीग गए। मंडियों में लगी गेहूं की ढ़ेरियों में भी पानी घुस गया।

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हिसार सहित कई जगहों पर बुधवार देर रात धूल भरी आंधी चली अौर बूंदाबांदी हुई। बारिश और बूंदाबांदी के कारण तापमान में कमी आई, हालांकि दिन निकलने के साथ धूप ने फिर अपना रौद्र रूप धारण कर लिया।

चरखी दादरी में गेहूं के ढ़ेर में घुसा पानी।

हिसार के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने मौसम बुलेटिन जारी कर लोगों को आंधी के दौरान सतर्क रहने और रात में ही नरमा की सिंचाई करने की सलाह दी है। इस दौरान प्रदेश में अधिकतम तापमान 36 से 40 डिग्री के बीच रहने के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ के पहाड़ों में सक्रिय होने और इससे राजस्थान में चलने वाली चक्रवातीय हवाओं के कारण धूलभरी आंधी की संभावना है। 

9 मई को फिर सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ

मौसम विज्ञानियों के अनुसार 3 अप्रैल तक बादलों के साथ सूर्य की अठखेलियां चलेंगी लेकिन गर्म हवाएं लोगों को झुलसाती रहेंगी। 4 मई के बाद तापमान में लगातार बढ़ोतरी की संभावना है। इस दौरान न्यूनतम तापमान बढऩे के कारण मई में रातें भी गर्म रहने के साथ उमस बढ़ेगी। 9 मई के बाद पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता की वजह से फिर से तापमान में गिरावट आएगी।

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'' 29 अप्रैल तक मौसम परिवर्तनशील रहने और बीच-बीच में धूल भरी हवाएं चलने की संभावना है। कही-कही छिटपुट बूंदाबांदी हो सकती है। बारिश से तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है।
डॉ. राज सिंह, मौसम वैज्ञानिक। 

जमीन खाली छोड़ें

मौसम वैज्ञानिक डॉ. ङ्क्षसह ने किसानों से फसलों की कटाई और उसको सही तरह से रखने की सलाह दी है। वैज्ञानिकों ने रबी फसल की कटाई पूरी होने के बाद जमीन की जुताई कर उसे खाली छोड़ने की सलाह दी है।

बारिश से किसानों को होगा लाभ

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 90 फीसद किसान अपनी गेहूं की कटाई व निकासी का काम पूरा कर चुके हैं। ऐसे में यदि बारिश होती है तो किसानों को कपास व अन्य फसलों की बिजाई को लेकर लाभ होगा। साथ ही नहरी पानी का इंतजार कर रहे किसान बिजाई कर सकते हैं।

 


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