गुरुग्राम में कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के लिए याचिका, सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने किया निपटारा
गुरुग्राम में कोरोना के बढ़ते मामले व टेस्ट कम होने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। याचिका पर सरकार के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने इसका निपटारा कर दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। गुरुग्राम में कोरोना के बढ़ते मामले व टेस्ट कम होने के खिलाफ गुरुग्राम निवासी समीर वशिष्ट ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में सरकार को उचित कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित बेंच के सामने सुनवाई के दौरान याची के वकील आर कार्तिकेय ने गुरुग्राम में कोरोना की कम टेस्टिंग होने व बेड और वेंटिलेटर की कमी जैसी समस्याओं को उठाया।
इस पर सरकार की तरफ से बेंच को बताया गया सरकार ने टेस्टिंग बढ़ा दी है और 42 प्राइवेट अस्पतालों से करार किया गया है । बेड और वेंटिलेटर भी बढ़ाए जा रहे हैं।
सरकार आनलाइन पोर्टल पर बेड और वेंटिलेटर की रियल टाइम जानकारी उपलब्ध करवा रही है। सरकार की ओर से बताया गया कि कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा 1 जुलाई को जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही प्रदेश में कार्य किया जा रहा है। गुरुग्राम में टेस्टिंग बढ़ाने के लिए 42 अस्पतालों से करार किया गया है और टेस्टिंग के लिए अधिकतम दाम भी तय कर दिए गए हैं। सरकार ने बताया कि इसके साथ ही बेड और वेंटिलेटर बढ़ाए गए हैं और परिस्थिति के अनुरूप और भी सुधार किए जाएंगे।
हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की जो मांग है वह सरकार पहले ही पूरी कर चुकी है, यह जनहित याचिका है जिसका उद्देश्य जनकल्याण है ऐसे में यदि याचिकाकर्ता कोई अन्य सुझाव अथॉरिटी को देता है तो अथॉरिटी उस पर जल्द से जल्द निर्णय लें। इस टिप्पणी के साथ ही हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
दायर याचिका में बताया गया था कि गुरुग्राम मे कोरोना तेजी से फैल रहा है। टेस्टिंग किट की कमी और वेंटिलेटर कम होने के कारण हालात और बिगड़ रहे हैं। मरीजों को बेड और वेंटिलेटर तक नहीं मिल पा रहे हैं। इसके साथ ही मास्क और किट की कमी के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।