फिर अनाथ हो गया पंचकूला नगर निगम
जागरण संवाददाता, पंचकूला : नगर निगम एक बार फिर अनाथ हो गया है। पंचकूला को टेंपरेरी तौर
जागरण संवाददाता, पंचकूला : नगर निगम एक बार फिर अनाथ हो गया है। पंचकूला को टेंपरेरी तौर पर मिले नगर कमिश्नर को हरियाणा सरकार ने वापस बुला लिया है। अब यहां कोई भी कमिश्नर नहीं है। सरकार की ओर से यह पद किसी को भी नहीं दिया गया है। ऐसे में अब पंचकूला में होने वाले सभी विकास कार्य रुक जाएंगे। नगर निगम कमिश्नर के पास ही सभी विकास कार्य को करवाने की पावर थी परंतु नगर निगम कमिश्नर अशोक मीणा जिन्हें अतिरिक्त चार्ज दिया गया था, द्वारा फाइलें न साइन किए जाने के खिलाफ पंचकूला की महापौर एवं पार्षदों द्वारा अल्टीमेटम दिए जाने के बावजूद भी फाइलें साइन नहीं हुई जिसके बाद अब अशोक कुमार मीणा से यह चार्ज वापस ले लिया गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में विकास कार्य होने की संभावनाएं बहुत कम हो गई हैं।
लगातार जारी है अधिकारियों का तबादला
पंचकूला में लगातार कमिश्नरों के तबादलों का दौर जारी है। कमिश्नर जगदीप ढाडा के बाद कोई भी कमिश्नर महापौर के साथ तालमेल बनाने में सफल नहीं रहा जिसके चलते पंचकूला में पिछले डेढ़ साल से विकास कार्य बिल्कुल ठप हो चुके हैं। पहले कमिश्नर ललित सिवाच से मेयर का 36 का आकड़ा रहा। जिसके बाद मेयर ने सिवाच के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। आखिरकार ललित सिवाच का ट्रासफर हो गया। परंतु उसके बाद जो कमिश्नर पंचकूला को मिला, उनसे तो विवाद में सभी रिकॉर्ड ही टूट गए। सरकार द्वारा डॉक्टर शालीन को पंचकूला का कमिश्नर लगाया गया जिन्होंने नगर निगम की बैठक बुलाई परंतु उसने खुद शामिल नहीं हुए। मेयर के फोन करने के बावजूद भी डॉक्टर शालीन बैठक में हिस्सा लेने नहीं आए और उन्होंने बिना किसी कारण नगर निगम की बैठक रद कर दी।
रद होने के बाद भी मेयर ने की थी बैठक
बैठक रद करने के बावजूद में मेयर ने अपने पार्षदों के साथ बैठक में एजेंडे पास किए और पास करने के बाद उन्हें कमिश्नर के पास लागू करने के लिए भेज दिया। डॉक्टर शालीन का इसी बीच एक पत्रकार से विवाद हो गया और विवाद के बाद आखिरकार डॉक्टर शालीन को भी निगम कमिश्नर के पद से हटना पड़ा। इसके बाद सरकार द्वारा अशोक मीणा को नगर निगम का अतिरिक्त चार्ज दिया गया। परंतु अशोक मीणा गिनती के दिन ही निगम कार्यालय में आए। उनके कार्यकाल में भी कोई कार्य पंचकूला में शुरू नहीं हो पाए जिसको लेकर लोगों में भी काफी रोष दिखाई दिया। परंतु हालात जस के तस बने होने के बावजूद अब सरकार द्वारा अशोक मीणा से भी पंचकूला का चार्ज वापस ले लिया गया है।
मेयर ने दी थी धरने की धमकी
ऐसे में आने वाले दिनों में विकास होने की संभावनाएं बिल्कुल टल गई हैं। साथ ही महापौर द्वारा धरने की धमकी भी अब कोई खास असर करती नजर नहीं आ रही है। अब देखना होगा कि महापौर खेमे के पार्षद क्या रुख अपनाएंगे।