गैर जाटलैंड में इनेलो दिखाएगा ताकत, भाजपा को चुनौती
इनेलाे पूर्व प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल की जयंती पर करनाल में रैली करेगी। इस सद्भावना रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खास आकर्षण होंगे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रदेश की राजनीति में इनेलो ने अपने परंपरागत जाट वोट बैंक के अलावा गैर जाटों को भी साधने की तैयारी की है। पार्टी गैर जाटों में अपनी पकड़ साबित कर भाजपा को चुनौती देना चाहती है। इसी कड़ी में वह पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल की जयंती पर 25 सितंबर काे सीएम सिटी करनाल में रैली आयोजित कर रही है। इस सद्भावना रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, समाज पार्टी के नेता शिवपाल यादव अौर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला सहित कई नेता भी शामिल होंगे।
देवीलाल जयंती पर करनाल में रविवार को रैली, नीतीश कुमार, फारुक अब्दुल्ला व श्ािवपाल होंगे शामिल
इस रैली से इनेलो सत्तारूढ़ भाजपा के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर सकता है। प्रदेश में जाट आरक्षण आंदोलन में हुई हिंसा के बाद इनेलो ने गैर जाटलैंड में यह रैली करने का साहस जुटाकर सीधे तौर पर भाजपा को चुनौती दी है। अब भाजपा को गुडग़ांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के जरिए इनेलो की सद्भावना रैली का जवाब देना होगा।
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सीएम सिटी करनाल में रविवार को इनेलो स्व. देवीलाल की 103वीं जयंती पर सद्भावना रैली के रूप में शक्ति प्रदर्शन करेगा। यह पहला मौका है, जब जातीय हिंसा के बाद कोई बड़ा राजनीतिक दल प्रदेश में रैली कर रहा है। विधानसभा में भाजपा व इनेलो के बीच जातीय हिंसा पर हुई तकरार के बाद अब सबकी निगाहें करनाल रैली पर टिकी हुई हैं।
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इनेलो को ग्रामीण क्षेत्र में आधार वाली पार्टी माना जाता है। सिरसा, हिसार, जींद और भिवानी के जाट बाहुल्य इलाकों में पार्टी की अधिक पकड़ है। जीटी रोड बैल्ट पर वैश्य, ब्राह्मण और पंजाबी बिरादरी के लोगों की अधिकता है। करनाल को विशुद्ध रूप से गैर जाटलैंड कहा जा सकता है। लिहाजा इनेलो नेता गैर जाट लैंड में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर गांवों के साथ-साथ शहरी पार्टी होने का संदेश भी देना चाह रहे हैं। रैली सफल रही तो पार्टी इसे सत्ता के विरुद्ध अपनी मुहिम के रूप में भी प्रचारित करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देगी।
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सद्भावना रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिवपाल यादव, जनता दल (यू) के महासचिव केसी त्यागी, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला और पूर्व सांसद संतोष भारतीय खास मेहमान होंगे। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा के अनुसार, अभय सिंह चौटाला और दुष्यंत चौटाला समेत सभी सांसदों, पूर्व सांसदों और विधायकों के अलावा कार्यकर्ताओं को निमंत्रण दिया गया है। इनेलो की ओर से एसवाईएल नहर के मसले पर पंजाब की सत्तारूढ़ पार्टी शिरोमणि अकाली दल (बादल) से राजनीतिक नाता तोड़ा जा चुका है। अभय सिंह चौटाला ने ही इसका एलान किया था। हालांकि बादल परिवार से चौटाला परिवार के पारिवारिक रिश्ते बरकरार हैं। माना जा रहा है कि कारण चाहें जो भी बताए जाएं लेकिन करनाल रैली में प्रकाश सिंह बादल शरीक नहीं होंगे। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के भी रैली में भाग लेने के आसार कम ही हैं। हरियाणवी पगड़ी से होगा नीतिश कुमार का अभिनंदन रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार का हरियाणवी पगड़ी पहनाकर अभिनंदन किया जाएगा। विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने यह एलान किया है। नीतिश कुमार और ओमप्रकाश चौटाला के बीच अच्छी मित्रता है। जब नीतिश कुमार बिहार के सीएम बने थे, तब अभय सिंह चौटाला ने उनके अभिनंदन का एलान किया था। अब इनलो अब नीतश कुमार का करनाल रैली में अभिनंदन करेगा।
इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला और डा. अजय सिंह चौटाला की गैर मौजूदगी में पार्टी का पूरा दारोमदार अब अभय सिंह चौटाला पर टिका हुआ है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, विधायक दल के उप नेता जसविंद्र सिंह संधू और पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा के अलावा हिसार के सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला पार्टी के नीति निर्धारकों में माने जाते हैं। पार्टी विधायकों को हर आयोजन में पूरी तरजीह दी जा रही है। ऐसे में करनाल रैली के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं की एकजुटता का संदेश देने का जरिया भी तलाश रही है।देवीलाल और चौटाला के राजनीतिक मित्र होंगे मंच पर
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