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केंद्र से मिली राशि नहीं खर्च पा रहा हरियाणा, योजनाओं के 650 करोड़ का इस्‍तेमाल नहीं

हरियाणा सरकार कल्‍याणकारी योजनाओं के लिए केंद्र सरकार से मिली राशि का इस्‍तेमाल नहीं कर पा रही है। सरकार फ्लैगशिप योजनाओं के करीब 650 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 09:01 AM (IST)
केंद्र से मिली राशि नहीं खर्च पा रहा हरियाणा, योजनाओं के 650 करोड़ का इस्‍तेमाल नहीं
केंद्र से मिली राशि नहीं खर्च पा रहा हरियाणा, योजनाओं के 650 करोड़ का इस्‍तेमाल नहीं

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार राज्‍य की वि‍भिन्‍न योजनाओं के लिए केंद्र से राशि की मांग करती रहती है, दूसरी ओर वह विभिन्‍न योजनाें के लिए मिले सैकड़ों करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं हाे पा रही है। राज्‍य में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े विभिन्न वर्गों के लिए उत्थान और कल्याणकारी योजनाओं (फ्लैगशिप योजनाओं) के क्रियान्वयन के लिए आवंटित राशि का हरियाणा में पूरा इस्तेमाल नहीं हो पा रहा। इसे आमजन में जागरूकता की कमी कहें या सरकारी विभागों की अनदेखी, करीब 650 करोड़ रुपये बगैर खर्च के पड़े हैं।

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केंद्र सरकार की कई योजनाओं के लिए पैसा मिला लेकिन नहीं हुआ खर्च

हरियाणा के महालेखाकार (कैग) ने हाल ही में सौंपी रिपोर्ट में फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन की धीमी गति पर सवाल उठाए थे। करीब बीस फीसद राशि का इस्तेमाल नहीं होने से हजारों जरूरतमंद लोगों को केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से चलाई जा रही योजनाओं से वंचित रहना पड़ा।

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वर्ष 2015-16 में केंद्र सरकार से राज्य को फ्लैगशिप योजनाओं के संचालन के लिए करीब 1746 करोड़ रुपये की मदद मिली। पिछले बकाया सहित हरियाणा के सरकारी खजाने में इस मद के लिए 3744 करोड़ रुपये उपलब्ध थे, लेकिन खर्च किए गए करीब 3102 रुपये। कई योजनाओं के लिए आवंटित पैसे का इस्तेमाल नहीं होने के कारण पिछले साल अलग से धनराशि नहीं दी गई। इसके बावजूद इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर पूरी बकाया राशि खर्च नहीं हो सकी।

जरूरी योजनाओं में भी खींचे हाथ

मिड डे मिल के नाम पर मिली एक चौथाई राशि का प्रयोग नहीं किया गया, जबकि स्कूलों में चलाई जा रही इस योजना के तहत बच्चों को मिल रहे भोजन के स्तर और व्यवस्था की खामियां किसी से छिपी नहीं। इसी तरह इंदिरा आवास योजना के तहत 42 फीसद, एकीकृत आवास और स्लम विकास कार्यक्रम की 75 फीसद और राजीव आवास योजना की 76 फीसद राशि अछूती पड़ी है।

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लाखों लोग आज भी प्रदेश में बगैर छत के रहने को मजबूर हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की 28 फीसद और एकीकृत वाटरशैड प्रबंध कार्यक्रम के लिए मिली 30 फीसद राशि सरकारी खजाने में अटकी है। स्वच्छता के लिए मिले 22 फीसद पैसे का इस्तेमाल नहीं हुआ।
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कुछ अहम योजनाओं पर व्यय

योजना                             केंद्र से मदद   राज्य का हिस्सा    कुल धनराशि    व्यय       खर्च प्रतिशत
पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि      -                    -                    13.14            0.35            03         
राजीव आवास योजना           -                   3.62               88.20            21.04          24
इंदिरा आवास योजना          91.75             56.59            164.49           95.24          58
निर्मल भारत अभियान       55.35             16.13             125.58           97.66          78
मिड डे मिल                     123.82            83.34             300.56          223.82         74   
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना  142.23        193.56            335.79          241.75         72
एकीकृत आवास एवं स्लम विकास कार्यक्रम  -     -              54.09              13.56        25
वाटरशैड प्रबंध कार्यक्रम        -                    -                    34.30            21.42          62
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना  277.00      140.00            445.95          347.77        78
राष्ट्रीय ग्रामीण जीविका उपार्जन मिशन 5.22   3.48          15.74              12.53        80

(राशि करोड़ रुपये में)


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