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जाट अांदोलन: प्रशासनिक अफसरों की छ़ुट्टियां रद, मांगी अर्द्ध सैनिक बलों की 55 कपंनियां

हरियाणा सरकार ने जाट आंदोलन में हिंसा न होने देने के लिए कमर कस ली है। सरकार ने प्रशासनिक अफसरों की छुट्टियां रद कर दी हैं और केंद्र से अर्द्ध सैनिक बलों की 55 कंपनियां मांगी हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 10:18 AM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2017 11:48 AM (IST)
जाट अांदोलन: प्रशासनिक अफसरों की छ़ुट्टियां रद, मांगी अर्द्ध सैनिक बलों की 55 कपंनियां
जाट अांदोलन: प्रशासनिक अफसरों की छ़ुट्टियां रद, मांगी अर्द्ध सैनिक बलों की 55 कपंनियां

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जाट संगठनों के अांदोलन की चेतावनी के बाद हरियाणा सरकार पूरी तरह सक्रिय हाे गई है। जैसे दूध का जला छाछ भी फूंक मार-मार कर पीता है, हरियाणा सरकार की भी हालत ऐसी ही है। राज्य सरकार पिछले साल जाअ आंदोलन के दाैरान हुई हिंसा से सबक लेकर इस बार हर तरह के कदम उठा रही है। हरियाणा सरकार ने 29 जनवरी से शुरू हाेने वाले इस आंदोलन के मद्देनजर प्रशासनिक अफसरों की छ़ुट्टियां रद कर दी हैं। इससे पहले राज्य में पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई थी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अर्द्ध सैनिक बलों की 55 कंपनियां मांगी है।

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मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से इस संबंध में परिपत्र जारी कर दिया गया है। दूसरी तरफ सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने सभी उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आदेश दिए कि 29 जनवरी को प्रस्तावित जाट आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखें। यदि कोई नेता या व्यक्ति धरने की अनुमति चाहता है तो उनसे लिखित में लें कि नुकसान की जिम्मेदारी उनकी ही होगी।

राजेश खुल्लर ने कहा कि धरने का स्थान हाईवे व रेल ट्रैक से दूर ही रहेगा। उन्होंने सभी उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को यह भी आदेश दिए कि वे संवेदनशील क्षेत्रों का संयुक्त रूप से दौरा करें। गृह सचिव राम निवास ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक को किसी भी हालत में नुकसान से बचाना है तथा पुलिस बल मॉकड्रिल कर अपनी तैयारी पूरी रखें।

रामनिवास ने कहा कि सभी उपायुक्त व्यापार मंडलों की बैठक बुलाकर उनके साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। प्रशासन युवकों को आंदोलन में भाग न लेने की सलाह देते हुए कॉलेज, विश्वविद्यालय व छात्र संगठनों के साथ बैठक करें।

पुलिस महानिदेशक केपी सिंह ने कहा कि धरने की अनुमति देते समय निर्धारित प्रोफार्मा अवश्य भरवाएं। इस दौरान सरकारी संपत्ति, सरकारी कार्यालयों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दल गठित किए जाएंगे। इस कार्य में होमगार्ड के जवानों की मदद भी ली जाएगी। एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था मोहम्मद अकील और पुलिस महानिरीक्षक सीआइडी अनिल कुमार राव ने भी कानून एवं व्यवस्था से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के आदेश दिए।

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आंदाेलन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद डीजीपी डॉ. केपी सिंह, एडीजीपी (कानून) मोहम्मद अकील और आइजी (सीआइडी) अनिल कुमार राव फील्ड में पुलिस अधिकारियों के साथ लागतार बैठकें कर रहे हैैं। मुख्यालय का जिम्मा मुख्य सचिव डीएस ढेसी और गृह सचिव रामनिवास ने संभाला हुआ है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हर रोज फील्ड से मिल रहे फीडबैक के बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय को नियमित रिपोर्ट भेजी जा रही है।

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प्रदेश सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैैं। डीजीपी केपी सिंह करीब सात हजार होमगार्ड को पहले ही पुलिस के साथ फील्ड में तैनात करने के निर्देश दे चुके हैैं। गृह सचिव रामनिवास ने भी सात हजार होमगार्ड के जवान तैनात करने के लिए कॉल आउट नोटिस जारी कर दिया है।

मूनक नहर और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा

गृह सचिव रामनिवास के अनुसार सरकार ने अधिक संवेदनशील जिलों में होमगार्ड भेज दिए हैैं। प्रदेश का माहौल किसी सूरत में नहीं बिगडऩे दिया जाएगा। सरकार दिल्ली को जलापूर्ति करने वाली मूनक नहर और सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए मुस्तैद है।


बाधित नहीं होने देंगे रेलवे ट्रैक और हाइवे

गृह सचिव ने कहा कि आंदोलनकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाने का भरोसा दिलाया है, लेकिन प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तैयारी की हुई है। हाइवे और रेलवे-ट्रैक बाधित न हों तथा किसी भी प्रकार की संपत्ति का नुकसान न हो, इसके लिए सरकार ने सभी डीसी व एसपी को हिदायत दे दी हैं। पुलिसकर्मियों को इसके लिए हर संभव कदम और बल प्रयोग करने की इजाजत दी गई है।

पुलिस अधिकारियों के साथ नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

गृह सचिव ने बताया कि जाट आंदोलन को देखते हुए सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की गई है। हर रोज सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। सरकार की तरफ से जाट संगठनों के साथ बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले हैं।

शरारती तत्वों पर निगाह रखें धरना देने वाले लोग

गृह सचिव के अनुसार, प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिलों में होने वाले धरनों के मद्देनजर जिला मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। लोगों को चाहिए कि वे शांतिपूर्वक ढ़ंग से अपनी बात रखें। प्रदेश सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। रामनिवास ने धरना देने वाले लोगों से कहा है कि धरने के दौरान शरारती तत्वों पर नजर रखें। ऐसे लोगों पर सरकार भी नजर रखेगी।


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जाटों के आंदोलन का कोई औचित्य नहीं : मनोहर

उधर मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि सरकार जाटों को आरक्षण दिलाने के लिए पूरी मजबूती से अदालत में पक्ष रख रही है। मामला अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में जाटों के आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जाटों को आरक्षण देने के पक्ष में है। विधानसभा में बिल भी पारित कर दिया, लेकिन अदालत में चुनौती दे दी गई। उन्होंने कहा कि अगर असंवैधानिक गतिविधियां की गई तो फिर सरकार सख्ती से निपटने को भी तैयार है।

भाजपा ने किया जाट आरक्षण का वादा पूरा: प्रो. रामबिलास

हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा है कि भाजपा ही जाटों का कल्याण कर सकती है। भाजपा ने जाट समुदाय के लोगों से उन्हें आरक्षण देने का वादा पूरा किया है। इसलिए चुनाव में भाजपा के बायकाट की बातें करना बेमायने है। शर्मा ने कहा कि जाट भी भाजपा को पसंद करते हैैं। उन्हें समाज और देश-प्रदेश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।


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