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सरकारी बैंकों की हड़ताल से लोग परेशान, नहीं हुए कई जरूरी काम

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के अधीन यूनियनों ने बैंकों के विलय की सरकारी योजना के खिलाफ हड़ताल की है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 22 Aug 2017 01:23 PM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 01:23 PM (IST)
सरकारी बैंकों की हड़ताल से लोग परेशान, नहीं हुए कई जरूरी काम
सरकारी बैंकों की हड़ताल से लोग परेशान, नहीं हुए कई जरूरी काम

जेएनएन, पंचकूला। देश के राष्ट्रीयकृत बैंक और ग्रामीण बैंकों की हड़ताल के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बैंक हड़ताल पर है, इसलिए मंगलवार को बैंकों में कोई काम-काज नहीं हुआ। युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर 22 अगस्त को होने वाली देशव्यापी हड़ताल में लाखों ग्रामीण बैंक कर्मी शामिल हो रहे हैं।

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मंगलवार को सरकारी बैंक न खुलने पर आम लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। लोगों के लिए मनी ट्रांसफर, बच्चों की फीस जमा करने, चैक कैश कराने और पासबुक एंट्री कराने जैसी सेवाएं पूरी तरह बाधित है। बैंकों में ताले लटके हुए हैं और कर्मचारी नारेबाजी कर रहे हैं। हरियाणा के सभी शहरों में ऐसे ही हालात है। हालांकि आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी, एक्सिस और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे प्राइवेट बैंकों में कामकाज सामान्य है।

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बता दें, विभिन्न मांगों को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने मंगलवार को अखिल भारतीय बैंक हड़ताल की घोषणा की है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के अधीन यूनियनों ने बैंकों के विलय की सरकारी योजना के खिलाफ हड़ताल की है।

इसके मद्देनजर सोमवार को भी बैंक कर्मियों ने जुलूस निकाल आम लोगों से हड़ताल के लिए समर्थन मांगा था। बैंक कर्मियों ने एनपीए की वसूली के लिए संसदीय कमेटी की अनुशंसा को लागू करने, बैड लोन के लिए कठोर उपाय करने, प्रस्तावित एफडीआइ बिल की वापसी, बैंक बोर्ड ब्यूरो को निरस्त करने, बैंकों में सभी कैडर में पर्याप्त भर्ती की मांगें रखी हैं।

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उधर, बुधवार को डाकघर कर्मचारियों की यूनियन ने भी एक दिन की हड़ताल की घोषणा की है। यह हड़ताल ग्रामीण डाक सेवक कमेटी की रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को तत्काल लागू करने का दबाव बनाने के लिए बुलाई गई है। ग्रामीण डाक सेवकों के कल्याण के लिए कमेटी ने नवंबर में 2016 में रिपोर्ट सौंपी थी।


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