हरियाणा में ठेका कर्मचारियों को भी मिलेगा सातवें वेतन आयोग का लाभ
हरियाणा सरकार ठेका और अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों को भी सातवें वेतन आयोग का लाभ देगी। सीएम मनोहर लाल ने कहा है कि ऐसे कर्मचारियों की सूची मांगी गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों में ठेके और आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी विभागों से अपने यहां काम करने वाले ठेका व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की पूरी सूची तथा वेतन बढ़ोतरी के प्रस्ताव सरकार के पास भेजने को कहा है। बढ़े वेतन का लाभ करीब 75 हजार ठेका व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मिलने की संभावना है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि अतिथि अध्यापकों, आंगनबाड़ी कर्मचारियों, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारियों, कंप्यूटर आपरेटरों तथा प्रोफेसरों के वेतन का पुनर्निधारण करने के लिए एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। राज्य सरकार इन कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी की राशि पर एक समान फैसला ले सकती है।
इन ठेका व आउटसोर्सिंग कर्मियों को लाभ की संभावना
स्वास्थ्य विभाग - 12 हजार
बिजली - 11.5 हजार
शिक्षा विभाग - 5 हजार
अतिथि अध्यापक - 15 हजार
शहरी निकाय - 10 हजार
बोर्ड एवं निगम - 20 हजार
अन्य - 5 हजार
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एक लाख कर्मचारियों की एसीपी प्रणाली में होगा सुधार
प्रदेश सरकार ने एक लाख तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की एसीपी प्रणाली आकर्षक बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दावा किया कि 40 हजार तृतीय श्रेणी और 60 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
पेंशन में संशोधन के लिए बनाई कमेटी
प्रदेश सरकार ने सातवें केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार पेंशन में संशोधन के लिए भी वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी के दो अन्य सदस्य आईएएस अधिकारी अनिल मलिक और श्रीकांत वाल्गद होंगे। यह कमेटी भी यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट देगी।
कई विभागों के सेवा नियमों में हुआ बदलाव
कैबिनेट की बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में आशु टंकक/कनिष्ठï आशुलिपिक/वरिष्ठï आशुलिपिक के सेवा नियमों में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई है। अब ये नियम हरियाणा लोक निर्माण विभाग, जन स्वास्थ्य शाखा, मुख्यालय कार्यालय लिपिकीय (ग्र्रुप सी) सेवा (संशोधन) नियम 2016 कहलाएंगे।
बैठक में हरियाणा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग (समूह-क) सेवा नियम, 2016 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई क्योंकि विभाग की पुनर्गठन योजना के अनुरूप बनाने के लिए मौजूदा सेवा नियमों में व्यापक संशोधन किया गया है। नियम इसलिए बदले गए थे कि मौजूदा समूह-क सेवा नियमों में पदोन्नति के लिए मेरिट एवं वरिष्ठता की व्यवस्था की गई थी, परंतु मानदंड का उल्लेख नहीं किया गया था।