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रोजगार के लिए फिर संघर्ष की राह पर कंप्यूटर टीचर्स

जागरण संवाददाता, पंचकूला : अपनी रोजी-रोटी के लिए पिछले चार वर्षो से जद्दोजहद कर रहे प्रदेश भर से 6 ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 May 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 01:00 AM (IST)
रोजगार के लिए फिर संघर्ष की राह पर कंप्यूटर टीचर्स
रोजगार के लिए फिर संघर्ष की राह पर कंप्यूटर टीचर्स

जागरण संवाददाता, पंचकूला : अपनी रोजी-रोटी के लिए पिछले चार वर्षो से जद्दोजहद कर रहे प्रदेश भर से 6 हजार कंप्यूटर टीचर्स और लैब सहायकों का भविष्य अब प्रदेश सरकार के बजाय शिक्षा विभाग के अधिकारी तय करेंगे। वर्तमान में सरकारी स्कूलों में तकनीकी शिक्षा देने के लिए कार्यरत कंप्यूटर टीचर्स और लैब सहायकों का कार्यकाल इसी सप्ताह 31 मई को समाप्त हो रहा है। हालाकि इन कर्मचारियों को मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री की तरफ से वेतन बढ़ोतरी और सेवा विस्तार का आश्वासन मिल चुका है बावजूद इसके शिक्षा विभाग के सुस्त रवैये के चलते अब तक इनको सेवा विस्तार का कोई आदेश नहीं मिल पाया है। इसी महीने 5 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जन्मदिवस पर कंप्यूटर शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर नौकरी को बचाए रखने की गुहार लगा चुका है, साथ ही शिक्षामंत्री की तरफ से भी शिक्षकों की मागों को हरी झडी मिलने के बावजूद अभी तक इन शिक्षकों की सेवा विस्तार के बारे शिक्षा की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।

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गुहार लगाने के बाद सिर्फ तीन माह बढ़ाया अनुबंध

शिक्षक संघ के प्रवक्ता सुरेश नैन ने बताया 3 मार्च के आदेशानुसार कंप्यूटर टीचर्स का अनुबंध केवल तीन महीने तक बढ़ाया गया था और 31 मई को बिना कोई नोटिस कंप्यूटर टीचर्स और लैब सहायक बाहर हो जाएंगे। नैन ने बताया ये कोई पहला मौका नहीं जब विभाग शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा रहा इससे पहले भी चार वर्ष के दौरान चार बार शिक्षकों को बाहर किया जा चुका है।

विभाग कर रहा हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना

शिक्षा विभाग द्वारा सितम्बर 2015 में कंप्यूटर शिक्षकों के लंबे आंदोलन के बाद अनुबंध के आधार पर नियमित भर्ती होने तक के आदेश जारी किए थे मगर मार्च 2016 में अपने ही आदेश वापस लेते हुए अनुबंध के आधार पर कंप्यूटर शिक्षकों की नए सिरे से भर्ती की शुरुआत कर दी लेकिन मौजूदा शिक्षकों ने भर्ती को हाईकोर्ट में चुनौती दी जिसमें हाईकोर्ट ने न केवल भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया, साथ ही 15 नवम्बर 2016 को शिक्षकों को राहत देते हुए सरकार को मौजूदा शिक्षकों को न्यूनतम वेतनमान के आधार पर सेवाएं जारी रखने के आदेश जारी किए मगर शिक्षा विभाग द्वारा मार्च 2017 में इन शिक्षकों का कार्यकाल केवल 3 महीने तक ही बढ़ाया। संघ के प्रधान बलराम धीमान ने बताया शिक्षा विभाग सरेआम हाईकोर्ट के आदेशों को दरकिनार करते हुए न केवल 6000 कर्मचारियों के भविष्य खराब कर रहा है बल्कि सरकारी स्कूलों के करीब 6 लाख गरीब बच्चों को भी कंप्यूटर शिक्षा से दूर कर रहा है।

वेतन बढ़ोतरी का आदेश भी हो जारी

बार-बार नौकरी से निकाले जाने से नाराज प्रदेशभर के कंप्यूटर टीचर्स और लैब सहायक एक बार फिर से आदोलन की राह पर खड़े हो सकते हैं। शिक्षक संघ के प्रधान बलराम धीमान ने बताया यदि शिक्षा विभाग 31 मई से पहले वेतन बढ़ोतरी और सेवा विस्तार को लेकर आदेश जारी नहीं करता है तो जल्द एक बड़ा आदोलन होगा।

पहले भी कर चुके हैं बड़े संघर्ष

2013 में निजी कंपनियों के माध्यम से नियुक्ति के बाद शोषण और बिना वेतन के कार्य करवाने को लेकर 25 फरवरी 2014 से 7 मार्च 2014 तक पंचकूला में आमरण अनशन किया। इसके बाद फिर से कंपनियों के खिलाफ 1 जून 2014 से लेकर 8 अगस्त 2014 तक लंबा संघर्ष किया। इस दौरान कंप्यूटर शिक्षक पिछली सरकार के दौरान न केवल चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक पैदल मार्च किया बल्कि जंतर मंतर पर भी अनशन किया। वहा इस शिक्षकों से राजनाथ सिंह, रामबिलास शर्मा, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़ और कविता जैन सहित भाजपा के तमाम बड़े नेता मिले और सरकार बनने के बाद नियमित करने का आश्वासन दिया।

दो साल पहले भी किया गया बाहर

जनवरी 2015 में फिर से शिक्षकों को बाहर कर दिया गया फिर से लगातार 8 महीने तक इस शिक्षकों ने पंचकूला में आन्दोलन किया। इसके बाद सरकार ने मागों को मानते हुए 8 सितम्बर 2016 को शिक्षकों को नियमित भर्ती होने तक सेवा जारी रखने का फैसला किया।


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