हाउस टैक्स जमा करवाने के लिए बचे तीन दिन
जागरण संवाददाता, पंचकूला : रियायत पर हाउस टैक्स जमा करवाने के तीन दिन शेष बचे है लेकिन लोगों को नोटि
जागरण संवाददाता, पंचकूला : रियायत पर हाउस टैक्स जमा करवाने के तीन दिन शेष बचे है लेकिन लोगों को नोटिस भेजने का सिलसिला जारी है। नगर निगम पंचकूला द्वारा शहर के कुछ एरिया में हाउस टैक्स के नोटिस भेजने से लोगों में रोष है। हाउस टैक्स जमा करवाने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल है और सिर्फ तीन सप्ताह पहले ही लोगों को नोटिस मिलने शुरू हुए थे। भारत भूषण अरोड़ा ने कहा कि प्रत्येक नोटिस में 15 दिन से एक माह का भुगतान समय दिया जाना चाहिए। लोग धक्के खाकर टैक्स जमा करवा रहे हैं। नगर निगम कार्यालय में सुबह से लेकर शाम तक भीड़ लग रही है। कोई दफ्तर से छुट्टी लेकर तो कोई अपना बिजनेस छोड़कर नगर निगम में लाइनों में लग रहा है।
जनता के साथ छलकपट : रमेश
पूर्व पार्षद रमेश सिंह बत्र्वाल ने कहा कि पंचकूला की जनता के साथ इतना बड़ा छलकपट हुआ है। हाउस टैक्स के नाम पर न जाने कितने लोगों की खून पसीने की कमाई जो दोबारा टैक्स में चली गई, कभी उनको वापस मिलेगी या नहीं। धोखे तो बहुत देखें और सुने कभी वादों के कभी कामों के, परंतु एमसी द्वारा टैक्स में धोखा पहली बार देखा। बत्र्वाल ने कहा कि वह सभी जिनको लोगों ने चुनकर विश्वास के साथ भेजा था और जो आज तक अखबारों में सिर्फ यह कहकर लोगों का उल्लू बनाते रहे कि हम एमसी में कुछ भी गलत नहीं होने देंगे और यह भी सुना है कि घर बैठे ही 2 से 3 परसेंट आ जाता है, तब यह चुप रहते हैं।
यह तो लोगों से ब्लैकमेलिंग है : जसवंत
गांव अभयपुर के जसवंत सिंह तंबड़ ने कहा कि ये कैसा लोकतंत्र है, यह तो सरेआम आम जनता से ब्लैकमेलिंग है। जो शहरवासी भ्रष्ट नगर निगम की तय किए गए टैक्स को नहीं चुकाएगा, उसको भारी पेनल्टी देनी होगी या किसी स्टेज पर नगर निगम संपत्ति की कुर्की भी करा देगा। जिस किसी के पास पिछले चुकाए गए हाउस टैक्स की रसीद इधर-उधर आ गई, उसके तो दुगनी चट्टी पड़ गई। आखिर नगर निगम का हाउस टैक्स का पिछले हिसाब-किताब कहां है, उस हिसाब-किताब को सर्वे के साथ मैच कर के हाउस टैक्स के बिल क्यों नहीं बनाए गए।
मेयर और अफसरों में जारी जंग : मलिक
इनेलो के युवा प्रधान आजाद मलिक ने कहा कि मेयर और अधिकारियों के बीच आपसी जंग ही खत्म नहीं हो रही, हाउस टैक्स और अन्य कामों में लोगों के लिए टाइम कहां से निकालेंगे। विधायक भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है। हाउस टैक्स का सर्वे करने वाली कंपनी को प्रति मकान यूनिट के हिसाब से बड़ी रकम अदा की गई। नगर निगम द्वारा सर्वे कंपनी से किया गया सौदा बहुत महंगा सौदा है। इतना महंगा सौदा करने के बावजूद भी सर्वे कंपनी से सही काम नहीं लिया गया।