आशियाना फ्लैटों में नहीं मिल रही सुविधाएं
जागरण संवाददाता, पंचकूला : केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रेनुवल मिशन
जागरण संवाददाता, पंचकूला : केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रेनुवल मिशन के तहत पंचकूला शहर की कॉलोनियों को फ्लैटों में तो बैठा दिया गया लेकिन सुविधाएं नहीं होने से लोग नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर है। पांच साल पहले इन लोगों को फ्लैट अलॉट कर दिए गए थे, लेकिन डेढ़ साल में ही फ्लैटों की छतें टपकने लगी। आसपास लंबी-लंबी घास उग गई है, जगह-जगह गंदगी की भरमार है और सफाईकर्मी इस एरिया की ओर मुंह भी नहीं करते। ऐसा ही हाल यहां एक मरला फ्लैटों का भी है। सरकार द्वारा अवैध तौर पर बनी झुग्गियों में रहने वाले लोगों के लिए पंचकूला शहर में 2072 फ्लैट तैयार किए गए थे। फ्लैटों के आवंटन के एक साल बाद ही फ्लैटों की हालत खस्ता हो गई, साथ ही फ्लैटों में रहने वाले लोगो में भी सरकार के प्रति गुस्सा है। सेक्टर-20 पंचकूला में जहा फ्लैट बने हैं, वहा पर सफाई व्यवस्था, सीवरेज एवं पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है। आजाद कॉलोनी सेक्टर-21 में रहने वाले झुग्गीवासियों को सरकार की ओर से आशियाना फ्लैट सेक्टर-20 में अलॉट किए गए हैं।
960 फ्लैटों में रहते हैं 5 हजार लोग
यहा पर बने 960 फ्लैटों में तकरीबन 5 हजार से अधिक लोग रहते है। इसके अलावा गाव अभयपुर, सेक्टर-26 में फ्लैट बने हुए है। इन फ्लैटों में आते समय लोगों को लग रहा था कि अब उनका जीवन बेहतर हो जाएगा, परतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। फ्लैट तो बने है लेकिन सुविधा के नाम पर सब कुछ कॉलोनी से भी बदतर। फ्लैटों में हुआ प्लस्तर झड़ना शुरू हो गया है।
दीवारों में पड़ चुकी हैं दरारें
दीवारों में दरारे पड़ चुकी है और छत से बरसात का पानी ऐसा टपकता है, मानो लोग घर में नहीं सड़क पर बैठे हों। रात को जब भी बरसात होती है तो ये लोग सो भी नहीं पाते। छतों में हर समय सीलन रहती है। ग्राउंड फ्लोर से लेकर चौथी मंजिल तक सभी फ्लैटों में यही हाल है। फ्लैटों में निर्माण में घटिया मैटीरियल का प्रयोग होने के कारण लोग काफी परेशान है। आशियाना फ्लैटों में रहने वाले मोहम्मद खान, रामानंद ठाकुर, राजकुमार, अमना, पवन कुमार ने कहा कि इन फ्लैटों में कर्मचारी सफाई करने नहीं आते।
सीवरेज का पानी घुसता है घरों में
सीवरेज बंद हो जाता है, जिस कारण सीवरेज का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। वहीं, पीने का पानी भी दूसरी मंजिल से ऊपर नहीं चढ़ पाता। इस बारे में कई बार हुडा के अधिकारियों को कह चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पूर्व पार्षद गौतम प्रसाद ने कहा कि आशियाना एवं एक मरला प्लॉटों में सफाई का बुरा हाल है। एक मरला की सड़कें नहीं बनी। फ्लैटों में लोगों को पानी पीने के लिए बुरा नहीं चढ़ता। यह लोग तो कॉलोनी में ही ज्यादा सुखी थे।
किसी को दिक्कत नहीं आने देंगे : जगदीप
हुडा के संपदा अधिकारी जगदीप ढांडा का कहना है कि फ्लैटों में रहने वाले लोगों को सुविधा देने के लिए पूरे प्रयास किए जाते है और किसी को दिक्कत नहीं आने देंगे।