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चलती बस में खंभे से टकराया छात्र का सिर, मौत

संस, पिंजौर/कालका : पिंजौर के गाव शाहपुर निवासी 12 वर्षीय छात्र की उस समय मौत हो गई, जब बद्दी स्थित

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 01:00 AM (IST)
चलती बस में खंभे से टकराया छात्र का सिर, मौत

संस, पिंजौर/कालका : पिंजौर के गाव शाहपुर निवासी 12 वर्षीय छात्र की उस समय मौत हो गई, जब बद्दी स्थित अपने स्कूल से बस में सवार होकर घर आ रहा था। छात्र स्कूल बस से सिर बाहर निकाल कर पीछे की ओर देखने लगा और उसका सिर एक खंभे से टकरा गया। वह गंभीर रूप से घायल हो गया। बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहा पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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स्कूल के कोआर्डिनेटर जसबीर शर्मा और वाइस प्रिंसिपल संतोष ने बताया कि स्कूल बस मढ़ावाला जाने से पहले शाहपुर गाव में एक बच्चे को छोड़ने जा रही थी। बस के आगे एक स्कूटी खड़ी थी। बस का परिचालक उसे साइड करने के लिए नीचे उतरा, तो नीतीश ने अपना सिर खिड़की से बाहर निकाल लिया। नीतीश परिचालक वाली साइड बैठा था जिस कारण चालक उसे देख नहीं पाया। इतने में चालक ने बस चला दी। आगे बिजली का खंभा था जिससे नीतीश का सिर टकरा गया। बच्चे को तुरंत लहूलुहान हालत में बद्दी इएसआइ अस्पताल ले जाया गया जहा से डॉक्टरों ने उसे पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया। पीजीआइ पहुंचे तो डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। संतोष ने बताया कि स्कूल बस में टीचर रहती थी, लेकिन कुछ दिन से बीमार होने के कारण वह छुट्टी पर चल रही है इसलिए बस में कोई टीचर नहीं था।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

बुधवार को कालका सीएचसी मॉर्चरी के बाहर रोते हुए मृतक के पिता राजेश वर्मा व माता शारदा वर्मा ने बताया कि उनका इकलौता बेटा नीतीश वर्मा (12) बद्दी के एक निजी स्कूल में 8वीं का छात्र था। मंगलवार को गाव मढ़ावाला स्थित अपने घर से स्कूल गया था और उसके बाद दोपहर पौने तीन बजे उनको किसी का फोन आया कि उनके बेटे को चोट लग गई है। इसके बाद जब वे बद्दी इएसआइ पहुंचे, तो उनके बेटे की मौत हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि हादसा कैसे हुआ।

बस चालक करता था तंग, स्कूल प्रशासन ने सहयोग नहीं किया

पिता ने स्कूल प्रबंधकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका बेटा करीब एक-डेढ़ साल से कह रहा था कि उसे बस का चालक व परिचालक तंग करते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि वे उसे इतना तंग कर देंगे कि एक दिन उसकी मौत ही हो जाएगी। बस में बच्चों को संभालने के लिए कोई टीचर तक नहीं होता। मृतक के मामा दीपराम वर्मा ने बताया कि वे अन्य परिजनों के साथ स्कूल में गए थे। इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी स्कूल के स्टाफ ने जरा-सा भी कोपरेट नहीं किया। वे करीब एक घटे तक स्कूल में रुके। स्टाफ ने न तो उन्हे स्कूल के चेयरमैन का नंबर दिया न ही प्रिंसिसल का। एक जगह उन्हें एक बस चालक का नंबर मिला लेकिन उसने कहा कि अब तो छुट्टी हो चुकी है, मैं रात को स्कूल में आऊंगा। वहीं उसके बाद उन्होंने स्कूल में मौजूद सुरक्षा गार्ड शिवकुमार से नंबर मागा तो उसने भी नंबर देने से मना कर दिया। परिजनों ने कहा कि स्कूल डायरी में लिखे सभी नंबर गलत निकले। परिजनों ने स्कूल प्रबंधकों पर कथित लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी लापरवाही के कारण ही हमारे बच्चे की जान गई है।

स्पाइंल कोड की मिडिल बोन टूटने से मौत

अस्पताल सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम में नीतीश की स्पाइंल कोड की मिडिल बोन और सिर फटने के कारण ही मौत हुई है।

बस चालक पर मामला दर्ज

मामले के जाच अधिकारी जगदीश कुमार ने बताया कि नीतीश बस की अंतिम सीट पर बैठा था। पुलिस ने बस चालक के खिलाफ धारा 279 और 304 के तहत मामला दर्ज कर जाच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।


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