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रिकॉर्ड ऑनलाइन, सीसीटीवी कैमरे लगाए, नगद लेन-देन बंद

जागरण संवाददाता, पंचकूला : फार्मेसी काउंसिल के वर्षाें पुराने रिकॉर्ड को ऑनलाइन करवाने, दफ्तर में सी

By Edited By: Published: Tue, 23 Aug 2016 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2016 01:01 AM (IST)
रिकॉर्ड ऑनलाइन, सीसीटीवी कैमरे लगाए, नगद लेन-देन बंद

जागरण संवाददाता, पंचकूला : फार्मेसी काउंसिल के वर्षाें पुराने रिकॉर्ड को ऑनलाइन करवाने, दफ्तर में सीसीटीवी कैमरे लगाने, कैश के बजाय ड्राफ्ट या चेक से फीस लेने से लेकर हर वह काम, जोकि भ्रष्टाचार को खत्म करता हो, उसे करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह बात हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन कृष्ण चंद गोयल ने एक प्रेस वार्ता में कही। गोयल ने कहा कि मैं काउंसिल का पहला ऐसा प्रधान हू, जिसने ऑफिस में कार्यभार संभालने के बाद नगद लेन-देन पर रोक लगाई, फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन जिसका हर साल नवीनीकरण करवाना पढ़ता था, वह पांच के लिए वैध किया, अब नवीनीकरण पांच साल बाद करवाया जाता है। काउंसिल से रजिस्टर्ड सभी फार्मासिस्टों की फाइलों का निरीक्षण किया और पूरे ब्योरे के साथ सभी फार्मासिस्टों का ब्योरा काउंसिल की वेबसाइट पर अपलोड करवाया। काउंसिल में पिछले रजिस्ट्रार के कार्यकाल में दर्ज 46 फर्जी रजिस्ट्रेशनों को रद्द कर एफआइआर करवाई, काउंसिल में सभी प्रकार के कार्य ऑनलाइन करवाए, रजिस्ट्रेशन एक माह के अंदर एवं नवीनीकरण 15 दिन में सभी फार्मासिस्टों को उनके घर पर डाक के माध्यम से पहुंचाना सुनिश्चित किया। कृष्ण चंद गोयल द्वारा पूरी जांच पड़ताल के बाद दो हजार से अधिक अस्थायी तौर पर ऐसे नाम रद्द किए गए, जिनका कभी नवीनीकरण ही नहीं किया गया, जो शायद इस दुनिया में ही ना हो। परंतु इन सभी कार्याें के बाद भी उनके खिलाफ एक शिकायत के बाद हरियाणा सरकार द्वारा विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए गए। विजिलेंस द्वारा चार इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों से जांच करवाई जा चुकी है, लेकिन कोई भी सबूत उनके खिलाफ नहीं मिला। चार बार अधिकारी बदलने के बाद भी जब कोई सबूत नहीं मिला, तो विजिलेंस ने जांच एक सब इंस्पेक्टर को दे दी, जोकि कानूनन ही गलत है, क्योंकि इंस्पेक्टर स्तर की जांच के बाद निचले स्तर के अधिकारी से जांच करवाने का तर्क ही बनता।

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पांचवां सब इंस्पेक्टर लगातार फंसाने की फिराक में

अब जो पांचवां सब इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी है, वह लगातार कृष्ण चंद गोयल पर जांच से हटकर सवालों की लिस्ट बनाकर फंसाने की फिराक में है। सरकार द्वारा निर्धारित तिथि तक जांच करवाने के आदेश दिए जाते है, जिसके बाद या पहले की तारीख की जांच विजिलेंस नहीं करती। परंतु मौजूदा अधिकारी दबाव बनाने के लिए निर्धारित तिथि के बाद के सवालों को कुरेद रहा, जबकि उसमें भी उसे कुछ नहीं मिला।

सीएम के आगे रखूंगा विजिलेंस का मामला

गोयल ने कहा कि मेरी भाजपा सरकार में पूरी आस्था है और मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा जिस प्रकार भ्रष्टाचार के खिलाफ काम किया जा रहा है, उनसे मिलकर पूरी बात रखी जाएगी, क्योंकि विजिलेंस अपना काम पाक साफ तरीके से नहीं कर रही है और दबाव बनाना चाहती है।


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