मैंगो मेले में आम के आम, गुठलियों के भी दाम होंगे वसूल
जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा के 50 वर्ष और आमोत्सव के 25 वर्ष पूरे होने के चलते इस बार मैंगो म
जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा के 50 वर्ष और आमोत्सव के 25 वर्ष पूरे होने के चलते इस बार मैंगो मेला काफी आकर्षक होगा। हरियाणा पर्यटन और बागवानी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से पिंजौर के यादविन्द्रा गार्डन में हर वर्ष आयोजित किये जाने वाले मैंगो मेले को सूरजकुण्ड क्त्राफ्ट मेले की तर्ज पर अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की प्रयास किए जाएंगे। हरियाणा गठन के 50वें वर्ष में 2 व 3 जुलाई, 2016 को 25वें आम मेले का आयोजन एक विशेष उत्सव के रूप में किया जाएगा।
मैंगो मेले को अंतरराष्ट्रीय रूप देंगे
हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक समीरपाल सरो, कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, वीएस कुण्डु तथा बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सैनी ने एक पत्रकार सम्मेलन में बताया कि मैंगो मेला एक बहु-प्रतीक्षित वार्षिक समारोह है, जिसमें फलों के राजा आम का उत्सव मनाया जाता है। पर्यटन विभाग के सूरजकुण्ड क्त्राफ्ट मेला, पिंजौर हैरीटेज उत्सव तथा मैंगो मेला हर वर्ष आयोजित किये जाने वाले तीन बड़े कार्यक्त्रम हैं। विभाग मैंगो मेले को भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का प्रयास करेगा। उन्होंने बताया कि मेले में सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्त्रम जैसे कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत-स्वच्छ हरियाणा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, जीवन ज्योति जैसी योजनाओं को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। इस अवसर पर 25वें मैंगो मेले के कैलेंडर व मग का विमोचन भी किया।
विभिन्न प्रदेशों से आएंगे विशेषज्ञ
इस दो दिवसीय आम मेले के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम उत्पादकों को आम का उत्पादन बढ़ाने एवं उसकी गुणवत्ता को सुधारने के लिए नवीनतम पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है ताकि वे घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार का लाभ उठाकर अपने उत्पाद का अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकें। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान व अन्य राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा कृषि विशेषज्ञों व शोधार्थियों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया है, ताकि आम उत्पादक किसान उनसे अपने अनुभव साझे कर सकें और नई-नई तकनीकों और किस्मों के बारे जानकारी ले सकें।
सतिंद्र सरताज की प्रस्तुति होगी आकर्षण
समय के साथ-साथ यह मेला इस क्षेत्र का एक प्रमुख सास्कृतिक समारोह बन गया है क्योंकि यहा स्कूली विद्यार्थियों के लिए आयोजित की जाने वाली रोचक प्रतियोगिताएं, रोमाचक सास्कृतिक प्रस्तुतिया, शिल्प बाजार और एक बहु-व्यंजन फूड कोर्ट सभी आयु वगरें के लोगों को आकर्षित करते हैं। रंगागरंग साध्य सास्कृतिक कार्यक्त्रम इस मेले के मुख्य आकर्षण होंगे। महान सिक्ख जनरल बाबा बंदा सिंह बहादुर की शहादत के 300 वषरें की याद में 2 जुलाई को 6.30 बजे से साउंड, साइट और लाईट शो का आयोजन किया जाएगा। प्रख्यात पंजाबी लोक गायक सतिन्द्र सरताज 3 जुलाई को 6.30 बजे से अपनी प्रस्तुति देंगे। 2 जुलाई को उत्तर क्षेत्र सास्कृतिक केन्द्र, पटियाला द्वारा प्रायोजित डे परफॉरमेंस तथा सास्कृतिक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आकर्षक कार्यक्त्रम इस मेले की रौनक को और बढ़ाएंगे। कलाकारों द्वारा भंगड़ा एवं गिद्धा तथा लोक गायक सुभाष और अंजुमन गोयल द्वारा जीवंत प्रस्तुति दी जाएंगी।
बच्चों की होंगी प्रतियोगिताएं
आम मेले के पहले दिन, 2 जुलाई को आम तथा आम उत्पादों की प्रविष्टिंया प्राप्त की जाएंगी। इसी दिन विद्यार्थियों के लिए एकल नृत्य, फेस पेंटिंग, रंगोली जैसी प्रतियोगिताएं और सभी के लिए आम खाने की प्रतियोगिता शुरू होगी। मेले के दूसरे दिन, 3 जुलाई को सुबह आम खेती प्रौद्योगिकी पर एक सेमिनार आयोजित की जाएगी तथा प्रात: 10 बजे से विद्यार्थियों के लिए समूह नृत्य और चित्रकला जैसी प्रतियोगिताएं शुरू होंगी और इसके बाद 3 से 5 वर्ष के आयु समूह के बच्चों के लिए फेंसी ड्रेस तथा सभी के लिए आम खाने की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
गार्डन को दी गई है नई लुक
माहौल को और अधिक आकर्षक बनाने पर विशेष बल दिया गया है और गार्डन की सजावट की गई है। महलों, परकोटों और बुजरें पर लगाई गई एलईडी लाइटों से गार्डन आभूषण की तरह चमकता है। यह गो ग्रीन पहल के अन्तर्गत ऊर्जा संरक्षण की दिशा में उठाया गया कदम है।
फूड कोर्ट पर मिलेंगे व्यजंन
बहु-व्यंजन फूड कोर्ट मेले की एक अन्य मुख्य विशेषता होगा, जहा आगंतुकों को भारतीय स्ट्रीट फूड के साथ पंजाब का जायका, दक्षिण भारत के खुशबूदार व्यंजन और चायनीज ओरियंटल जायकों से युक्त विभिन्न प्रकार के लजीज व्यंजन परोसे जाएंगे।
शिल्प बाजार भी लगेगा
शिल्प बाजार भी मेले में आने वालों के लिए एक अन्य आकर्षण होगा। इस शिल्प बाजार में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर व राजस्थान आदि से आए शिल्पकारों तथा बुनकरों द्वारा तैयार की गई हथकरघा एवं हस्तलिपि वस्तुओं का प्रदर्शन एवं बिक्त्री की जाएगी।