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हरियाणा विस में हंगामा, सदन की कार्यवाही दो बार स्‍थगित

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। इस कारण दाे बार सदन की कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ी। दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कागेस विधायकाें ने धान घोटाले का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 12:00 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2015 07:25 PM (IST)
हरियाणा विस में हंगामा, सदन की कार्यवाही दो बार स्‍थगित

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। इस कारण दाे बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कागेस विधायकाें ने धान घोटाले का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। कांग्रेस व भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

कांग्रेस विधायकों ने सदन में सरकार पर धान खरीद घोटाले की जांच के लिए पूरा दबाव बनाया। भाजपा सरकार ने साफ कह दिया कि जब कोई घोटाला है ही नहीं तो जांच किस बात की। कांग्रेस विधयाकों ने सरकार के इस रुख पर सदन में खूब हंगामा किया। कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए स्पीकर कंवरपाल गुर्जर के आसन के सामने आ गए।

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विरोध में भाजपा विधायकों ने भी कांग्रेसियों के विरुद्ध नारेबाजी की। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। बाद में जब सदन की कार्यवाही दोबारा श्ुारू होने पर फिर हंगामा हो गया। इसके बाद कार्यवाही 20 मिनट के लिए फिर स्थगित कर दी गई।

हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को हंगामा करते कांग्रेस व भाजपा के विधायक।

इसके बाद फिर कार्यवाही शुरू होने पर भी कांग्रेसियों का बवाल थमा तो स्पीकर ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को छोड़ सदन में मौजूद बाकी सभी कांग्रेस विधायकों को नेम कर दिया। मार्शलों की मदद से कांग्रेस विधायकों को बाहर निकाला गया।

सदन से बाहर जा रहे कांग्रेस व भाजपा विधायकों में नारेबाजी का दौर चलता रहा। विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने स्पीकर से नेम किए गए विधायकों को वापस बुलाने का आग्रह किया। संसदीय कार्य मंत्री रामबिलास शर्मा व मुख्यमंत्री मनोहरलाल इसके लिए राजी भी हो गए, लेकिन कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह दलाल ने यह कहकर पेंच फंसा दिया कि यदि सरकार धान घोटाले की जांच को तैयार है, तभी कांग्रेस विधायकों को सदन में वापस बुलाया जाए। इस पर सरकार फिर ठिठकगई।

भाजपा विधायक बोले नहीं चलेंगे फर्जी मुद्दे

कांग्रेस विधायक डा. रघुबीर कादियान, कुलदीप शर्मा और गीता भुक्कल समेत कई विधायक प्रश्नकाल के तुरंत बाद धान घोटाले की जांच की मांग को लेकर स्पीकर के आसन के सामने आ गए। कर्ण सिंह दलाल और रघुबीर कादियान ने कहा कि पूरे घोटाले की जांच होनी चाहिए। मांग पूरी होती नहीं देख कांग्रेसियों ने नारेबाजी चालू कर दी। भाजपा विधायकों ने नारे लगाते हुए जवाब दिया कि फर्जी मुद्दे नहीं चलेंगे।

सर्वदलीय बैठक का भी नहीं निकला नतीजा

सदन की कार्रवाई स्थगित होने के दौरान स्पीकर ने अपने चैंबर में सर्वदलीय बैठक की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। दोबारा सदन की कार्रवाई शुरू होने के बाद कांग्रेसियों ने फिर स्पीकर आसन के साने आकर धान घोटालो की जांच का मुद्दा उठाते हुए शोरगुल शुरू कर दिया, जिस पर स्पीकर ने उन्हें नेम कर दिया। कांग्रेसी भाजपा सरकार को किसान के लुटेरे बताते हुए सदन के बाहर निकले, जबकि भाजपा विधायकों ने पलटवार किया कि वाड्रा कांग्रेस नहीं चलेगी।

नेम वापस होने के बाद वाकआउट कर गए हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा जब धान धोटाले पर अपनी बात कहने लगे तो स्पीकर की चेयर पर बैठी संतोष यादव ने कहा कि उन्हें तो नेम किया जा चुका है। इस पर हुड्डा ने एतराज जताया है कि वह तो अपनी सीट से उठे भी नहीं थे। स्पीकर कंवर पाल गुर्जर ने हुड्डा के गलत ढंग से हुए नेम को वापस लिया। हुड्डा ने कहा कि पूरे विपक्ष की मांग को सदन में दबाया जा सकता है, लेकिन सदन से बाहर नहीं। यह कहते हुए हुड्डा सदन से वाकआउट कर गए।

चौटाला ने की कांग्रेस विधायकों की पैरवी

अभय चौटाला ने भी धान खरीद घोटाले पर भाजपा को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि उनकी तरह कांग्रेसी भी धान घोटाले की जांच की मांग कर रहे हैैं। यह गलत नहीं है। इसलिए उन्हें नेम करने की बजाय वापस सदन में बुलाया जाना चाहिए।

सीएम बोले, अनावश्यक दबाव में नहीं आएगी सरकार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कांग्रेस और इनेलो के धान धोटालो के आरोपों का सदन में खुलकर जवाब दिया। उन्होंने जाहिर कर दिया कि सरकार किसी भी दबाव में नहीं आने वाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमेशा शोर करने से बात नहीं बनती। अगर गड़बड़ी के कोर्ई तथ्य सामने आएंगे तभी सरकार जांच कराएगी। आढ़ती के पास धान नहीं है।

उन्होंने कहा कि किसान को पेमेंट हो चुकी है। सारा माल मिलों में चला गया। मिल मालिकों पर फर्जी बिलिंग के आरोप हैं। सरकार इतना कर सकती है कि मिलो में पूरे स्टाक की फिजिकल वैरिफिकेशन करवाई जाए। हम एफसीआर से सभी मिलों में स्टाक की जांच करा रहे हैैं।


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