आदेश न मानने वाले अधिकारी जाएंगे जेल : हाई कोर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ऐतिहासिक इमारतों और स्थानों से अतिक्रमण हटाने के लिए आदेशों पर जिला उपायुक्तों द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर सख्त हाे गया है। हाई कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन न करने वाले अधिकारी अब जेल जाएंगे।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ऐतिहासिक इमारतों और स्थानों से अतिक्रमण हटाने के लिए आदेशों पर जिला उपायुक्तों द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर सख्त हाे गया है। बृहस्पतिवार को हाई कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन न करने वाले अधिकारी अब जेल जाएंगे। मामले पर अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
ऐतिहासिक इमारतों और स्थानों से अतिक्रमण न हटाने का मामला
हाई कोर्ट की जस्टिस महेश ग्रोवर की पीठ ने कहा कि एक तरफ तो सरकार विलुप्त सरस्वती नदी को खोजने में लगी है तो दूसरी तरफ जो ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं उनसे अतिक्रमण तक नहीं हटा पा रही है। इस तरह हरियाणा सरकार ऐतिहासिक धरोहरों और संस्कृति को बचाने के महज दावे कर रही है। हकीकत में इनके संरक्षण के लिए कुछ नहीं किया जा रहा।
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सुनवाई के दौरान अदालत में कई जिलों के अधिकारी मौजूद थे। पीठ ने कहा कि इन सभी अधिकारियों का नाम लिख लिया जाए। अगर अगली सुनवाई तक भी ये अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन अधिकारियों की एक महीने की सेलरी जुर्माने के तौर पर रोकने तथा इनको जेल भेजने का आदेश भी जारी किया जा सकता है।
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वहीं, सरकार की तरफ से बताया गया कि कई स्थानों पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ज्यादा होने के कारण कानून व्यवस्था बिगडऩे का डर है। इस पर कोर्ट ने केंद्रीय बलों की सहायता लेने का सुझाव दिया। पुरातत्व विभाग ने हरियाणा सरकार पर इस मामले में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया। इस पर, पीठ ने सरकार को फटकार लगाते हुए अंतिम अवसर के रूप में मामले की अगली सुनवाई तक इस विषय में ठोस कार्रवाई करने का आदेश दिया।
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ज्ञात रहे कि हाई कोर्ट ने जनवरी में आदेश दिया था कि राज्य की सभी ऐतिहासिक इमारतों और स्थलों से तीन माह के भीतर अतिक्रमण हटाया जाए। इसके बावजूद कार्रवाई न होते देख हाई कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेकर सरकार और छह जिलों के उपायुक्तों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। पुरातत्व विभाग ने हाई कोर्ट को बताया था कि जिला उपायुक्त सहयोग नहीं कर रहे हैं। हिसार, करनाल, कैथल, गुडग़ांव, पलवल, हिसार व हांसी में पुरातत्व से जुड़ी कई इमारते डीसी की लापरवाही के कारण संरक्षित नहीं हो रही हैं।