डिप्टी स्पीकर को लेकर भाजपा दो धड़ों में बंटी
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़ हरियाणा विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर भाजपा दो धड़ों में बंट
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर भाजपा दो धड़ों में बंट गई है। भाजपा का एक धड़ा जहां डिप्टी स्पीकर का पद अहीरवाल के खाते में डालने के प्रयासों का विरोध कर रहा है, वहीं दूसरा धड़ा उत्तर हरियाणा की पैरवी करने में जुटा हुआ है। भाजपा डिप्टी स्पीकर का पद अपने पास रखने का मन बना चुकी है, लेकिन उस पर यह पद विपक्ष को देने का पूरी तरह से दबाव बना हुआ है।
बुधवार को विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का चुनाव होना था, लेकिन शोक प्रस्तावों के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर इसे टाल दिया गया है। बृहस्पतिवार को विधानसभा में होने वाले बिजनेस में डिप्टी स्पीकर का चुनाव शामिल नहीं है। ऐसे में माना जा रहा कि अभी चुनाव में थोड़ा समय और लग सकता है।
अटेली की विधायक संतोष यादव का नाम डिप्टी स्पीकर के लिए तय माना जा रहा था। धौलेड़ा स्टोन क्रेशर हादसे में 11 लोगों की मौत के मामले में विपक्ष द्वारा लगातार यादव पर अंगुली उठाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार संसदीय कार्य मंत्री प्रो. रामबिलास नहीं चाहते कि संतोष यादव को डिप्टी स्पीकर बनाकर नया विवाद खड़ा किया जाए। हालांकि कंवरपाल गुर्जर से पहले उनका स्पीकर बनना तय माना जा रहा था। शर्मा ने यह कहते हुए यादव के नाम पर ब्रेक लगवाए कि राव इंद्रजीत खेमे को मजबूती प्रदान करना राजनीतिक अक्लमंदी नहीं होगा। ऐसे में ब्राह्मण को डिप्टी स्पीकर का पद दिया जाना चाहिए। प्रोफेसर के इस रुख के बावजूद राव इंद्रजीत समर्थक भाजपा विधायक यादव की पैरवी कर रहे हैं। संतोष यादव भाजपा प्रभारी अनिल जैन और मनोहर सरकार के सीनियर मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की भी पसंद बताई जाती हैं।
भाजपा में एक धड़ा कालका की विधायक लतिका शर्मा और बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा के लिए जोरदार पैरवी कर रहा है। लतिका शर्मा के लिए केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का भी इशारा है और अनिल जैन भी उन्हें डिप्टी स्पीकर के लिए उपयुक्त समझते हैं। मूलचंद शर्मा रामबिलास शर्मा के रिश्तेदार हैं।
भाजपा को बिना शर्त समर्थन दे रहे बसपा के टेकचंद शर्मा के लिए भी पार्टी में जोरदार पैरवी की जा रही है। विपक्ष की ओर से भी टेक चंद शर्मा का नाम मजबूती से लिया जा रहा है। भाजपा के सीनियर नेताओं को समझाने की कोशिश हो रही कि यदि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को नहीं दिया तो बसपा व आजाद विधायकों समेत विपक्ष के निशाने पर पार्टी आ सकती है। पार्टी को यदि दलित डिप्टी स्पीकर बनाना पड़ा तो भगवान दास कबीरपंथी और वैश्यों में ज्ञानचंद गुप्ता के नामों पर गौर हो सकता है। डिप्टी स्पीकर के लिए चल रही इस रस्साकसी के बावजूद संतोष यादव को रेस से बाहर नहीं माना जा सकता।
अभी कुछ तय नहीं किया
डिप्टी स्पीकर को लेकर अभी हमने कोई फैसला नहीं लिया है। इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। पार्टी यह पद अपने पास रखेगी या नहीं, इस पर भी कोई राय अभी नहीं बनी है।
- डा. अनिल जैन, प्रभारी, हरियाणा भाजपा