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दलित उत्पीड़न पर आयोग सख्त

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने हरियाणा में दलित उत्पीड़न की दो अलग-अलग घट

By Edited By: Published: Wed, 26 Aug 2015 06:55 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2015 06:55 PM (IST)
दलित उत्पीड़न पर आयोग सख्त

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने हरियाणा में दलित उत्पीड़न की दो अलग-अलग घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए महेंद्रगढ़ और जींद के डीसी-एसपी को तलब किया है। दोनों जिलों के चारों अधिकारियों को 8 सितंबर को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में पेश होने के आदेश दिए गए हैं।

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दलित उत्पीड़न की एक घटना जींद जिले के गाव डिडवाना की है और दूसरी घटना महेंद्रगढ़ जिले के बवाना में हुई। आयोग के सदस्य एवं पूर्व राज्यसभा सासद चौधरी ईश्वर सिंह ने चारों अफसरों को नोटिस भेजा है। जींद के डिडवाना में शिवरात्रि के दिन दलितों को मंदिर में जल चढ़ाने से रोक दिया गया था। सफीदों विधानसभा क्षेत्र के इस गांव में कावड़ लेकर लौटे दलितों ने दबंगों के विरोध के चलते नजदीक के गाव में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाया था।

आयोग के सदस्य ईश्वर सिंह ने जींद के डीसी व एसपी को नोटिस भेजकर पूछा है कि आजादी के इतने साल बाद भी दलितों की सुरक्षा के लिए उचित कदम क्यों नहीं उठाए गए।

महेंद्रगढ़ के बवाना में 40 साल से झोपड़ी बनाकर रह रहे सपेरा जाति के 30 परिवारों को बुलडोजर चलाकर उजाड़ दिया गया था। वे पंचायत की जमीन पर आबाद थे। उनका राशनकार्ड भी बना हुआ था और बिजली के मीटर भी लगे हुए थे। इन परिवारों के 30 बच्चे वहीं पढ़ाई भी करते थे। ईश्वर सिंह ने फोन पर पीड़ित परिवारों के सदस्यों से बातचीत की और महेंद्रगढ़ के डीसी व एसपी को 8 सितंबर को पेश होकर जवाब देने को कहा है। यह परिवार अब बवाना में ही निर्माणाधीन एक कालोनी में शरण लिए हुए है। ईश्वर सिंह के अनुसार दबंगों ने सपेरा जाति के इन परिवारों को पंचायत चुनाव की राजनीति से जोड़ दिया। उनपर आरोप है कि वे दबंगों के घरों में काम करते हैं। आयोग ने डीसी व एसपी से पूछा है कि सपेरों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए और दबंग जाति के लोगों के खिलाफ अभी तक एफआइआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।


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