मनाेहर सरकार ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को हटाया
मनोहर सरकार ने पिछली हुड्डा सरकार के दौरान गठित राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पदों से बर्खास्त कर दिया है। आयोग की अन्य सदस्य पहले की तरह काम करती रहेंगी। महिला आयोग की अध्यक्ष कमलेश पांचाल और उपाध्यक्ष सुमन दहिया के बीच टकराव चल रहा था।
चंडीगढ़। मनोहर सरकार ने पिछली हुड्डा सरकार के दौरान गठित राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पदों से बर्खास्त कर दिया है। आयोग की अन्य सदस्य पहले की तरह काम करती रहेंगी। महिला आयोग की अध्यक्ष कमलेश पांचाल और उपाध्यक्ष सुमन दहिया के बीच टकराव चल रहा था। बताया जात है कि सरकार ने इसी कारण यह कदम उठाया है।
कमलेश पांचाल और सुमन दहिया के बीच विवाद पिछले दिनों काफी सुर्खियों में रहा। दहिया ने प्रदेश में वेश्यावृत्ति वैध कराने के लिए प्रधानमंत्री व राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को पत्र लिखे थे, जबकि पांचाल ने इसे दहिया की निजी राय करार दिया था। मनोहर सरकार ने महिला आयोग के गठन में तकनीकी खामियां होने की बात सामने आने पर दोनों को पद से हटाया है।
आयोग की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना तो दिए गए थे, लेकिन उनके अधिकार, नियम और सदस्यों की शक्तियों के बारे में कोई नियम निर्धारित नहीं किए गए थे। गुडग़ांव की पूजा शर्मा, कुरुक्षेत्र की प्रवेश राणा, पलवल से चंद्रकांता और यमुनानगर की एक सदस्य आयोग में फिलहाल कार्य करते रहेंगी। झज्जर की एक सदस्य पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं।
दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि राज्य महिला आयोग का पुनर्गठन तथा उससे संबंधित मामलों के लिए उपबंध करने के लिए हरियाणा राज्य महिला आयोग विधेयक, 2012 के तहत नई नियुक्तियां की जाएंगी।
कमलेश पांचाल ने मनोहर सरकार पर दुर्भावना से प्रेरित होकर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महिलाओं के हितों की चिंता करने के बजाय सरकार राजनीति करने में लगी है। राज्य सरकार को समय से पहले उन्हें पद से हटाने का कोई अधिकार नहीं था।
सुमन दहिया का कहना है कि यदि उन्होंने वेश्यावृत्ति को वैध करने की मांग उठाई थी तो इसमें गलत क्या है। इससे समाज में अपराध थमेंगे।