राव इंद्रजीत के हस्तक्षेप से फंसा स्मार्ट सिटी का पेंच
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्मार्ट सिटी की चयन प्रक्रिया पर उठाए सवाल स्मार्ट सिटी के लिए गुड़गा
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्मार्ट सिटी की चयन प्रक्रिया पर उठाए सवाल
स्मार्ट सिटी के लिए गुड़गांव का नाम केंद्र को भेजने का किया आग्रह
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : केंद्रीय योजना एवं रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने हरियाणा में स्मार्ट सिटी चुने जाने की प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। राव ने स्मार्ट सिटी के लिए गुड़गांव की मजबूत पैरवी करते हुए न केवल मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है, बल्कि राज्य से गुड़गांव का नाम भी भेजने का अनुरोध किया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद स्मार्ट सिटी के लिए चुने गए करनाल और फरीदाबाद की दावेदारी विवादों में फंस गई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय स्टीय¨रग कमेटी इन दोनों शहरों का नाम स्मार्ट सिटी के लिए फाइनल कर चुकी है। प्रदेश सरकार की ओर से भी इन शहरों को मंजूरी मिल गई, लेकिन अब राज्य सरकार को पुनर्विचार करना पड़ सकता है। बीच का रास्ता निकालने के लिए वह तीसरे शहर के रूप में गुड़गांव का नाम भी केंद्र के पास भेज सकती है। केंद्र देश भर से आने वाले 100 शहरों में से पहले चरण में 20 का चयन करेगा।
करनाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल और फरीदाबाद केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का शहर है। करनाल ने 95 और फरीदाबाद ने 90 अंक हासिल किए, जबकि राव इंद्रजीत का शहर गुड़गांव, कैप्टन अभिमन्यु का शहर हिसार और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का शहर रोहतक संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर आए। गुड़गांव व हिसार को 87.5-87.5 अंक मिले थे, जबकि रोहतक को 80 अंक पर संतोष करना पड़ा था।
राव ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि गुड़गांव स्मार्ट सिटी के सभी मानकों पर खरा उतरता है। यह राजधानी के निकट है और यहां एयरपोर्ट भी है। देश में साइबर सिटी के रूप में गुड़गांव की पहचान है। केंद्रीय व राज्य सरकार के टैक्स अर्जित करने में गुड़गांव अव्वल रहता है। नगर निगम गुड़गांव की ओर से सही तस्वीर पेश की गई। पानी के बिलों की वसूली 23 प्रतिशत दिखाई, जबकि दूसरे शहरों ने 100 प्रतिशत वसूली दिखाकर गलत नंबर हासिल कर लिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी शहर में पानी के बकाया की 100 प्रतिशत वसूली का सवाल ही पैदा नहीं होता। गुड़गांव को इसलिए खमियाजा भुगतने के लिए मजबूर किया जा रहा, क्योंकि इसने आंकड़ों से कोई हेराफेरी नहीं की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि स्मार्ट सिटी के लिए भेजे जाने वाले शहरों में गुड़गांव के नाम पर विचार किया जाना चाहिए। काबिल-ए-गौर है कि राज्य सरकार को 31 जुलाई तक स्मार्ट सिटी के लिए हरियाणा से नाम भेजने हैं।