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हरियाणा में निजी स्कूलों को एक साल की मोहलत

हरियाणा के अस्थायी मान्यता व अनुमति प्राप्त निजी स्कूलों को मनोहर लाल सरकार ने बड़ी राहत दी है। स्थायी मान्यता हासिल करने के लिए इन स्कूलों को एक वर्ष का समय दिया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2015 04:22 PM (IST)
हरियाणा में निजी स्कूलों को एक साल की मोहलत

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा के अस्थायी मान्यता व अनुमति प्राप्त निजी स्कूलों को मनोहर लाल सरकार ने बड़ी राहत दी है। स्थायी मान्यता हासिल करने के लिए इन स्कूलों को एक वर्ष का समय दिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की यहां हुई बैठक में इस पर सहमति बनी।

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मुख्यमंत्री के साथ वार्ता में बनी सहमति, 5700 स्कूलों को राहत

मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों के स्थायी मान्यता के मामले को निपटाने के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। एक वर्ष की मोहलत मिलने पर 5700 निजी स्कूल इस शैक्षणिक सत्र में दाखिला व अन्य गतिविधियां सुचारू रूप से चला सकेंगे।

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स्थायी मान्यता न होने के कारण स्कूल शिक्षा बोर्ड इन निजी स्कूलों के फार्म जमा करने से मना कर चुका था। इसके विरोध में निजी स्कूल संचालकों ने 7 जुलाई से भिवानी से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी थी। सरकार ने मंगलवार को ही फेडरेशन पदाधिकारियों को बैठक के लिए बुला लिया।

फेडरेशन की तरफ से प्रदेश सचिव विजय टटोली ने स्कूल संचालकों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने स्कूलों को राहत देने की मांग उठाई। आधा घंटा चली बैठक में कई बार उन्होंने मांगों को दोहराया। इस पर मुख्यमंत्री ने एक साल का समय देते हुए उसी समय शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फोन पर जानकारी दे दी।

फेडरेशन के प्रधान कुलभूषण शर्मा और सचिव विजय टटोली ने बताया कि प्रदेश के करीब 5700 निजी स्कूलों ने स्थायी मान्यता के लिए आवेदन कर रखा है। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्कूलों का निरीक्षण न करने से मान्यता संबंधी फैसला लटका हुआ है। स्कूलों में हजारों छात्र पड़ रहे हैं और बोर्ड 10वीं व 12वीं के बच्चों का दाखिला फार्म जमा नहीं कर रहा। राज्य सरकार को इस पर स्थायी रूप से विचार करना होगा।

बैठक में फेडरेशन की तरफ से कुलदीप सापला, सतबीर पटेल, पुरुषोत्तम शर्मा, वजीर ढांडा, राजेश मोर, सुशील शर्मा, एएस महाजन, बंसी लाल कपूर, ओम प्रकाश, कर्म सिंह, जोगिंद्र ढुल और कुलदीप पुनिया मौजूद रहे।


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