अतिथियों के लिए सरकार से लड़ेंगी खापें
यशपाल शर्मा, चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों से हटाए गए अतिथि अध्यापकों की नौकरी बचाने का बीड़
यशपाल शर्मा, चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों से हटाए गए अतिथि अध्यापकों की नौकरी बचाने का बीड़ा अब खाप पंचायतें व जाट सभा उठाने जा रही हैं। खाप ने सरकार को बड़े स्तर पर चुनौती देने का निर्णय ले लिया है। जाट सभा व खाप पंचायतें दो-दो हाथ करने को पूरी तरह से तैयार हैं। 63 खाप व हरियाणा जाट सभा ने सोमवार को जींद की जाट धर्मशाला में संयुक्त महापंचायत बुलाई है जिसमें गेस्ट के समर्थन में बड़े आंदोलन का एलान किया जाएगा। खाप व जाट सभा रेल रोकने, चक्का जाम व स्कूलों में पूरी तरह से तालाबंदी को लेकर मन बना चुकी हैं। 3581 गेस्ट की सेवाएं समाप्त होने से गुस्साए लगभग दस हजार अन्य अतिथि अध्यापक भी स्कूलों में कक्षाएं नहीं ले रहे हैं। दो हजार के आसपास गेस्ट ही स्कूलों में पहुंच रहे हैं।
हालत यह है कि चार से पांच हजार स्कूलों में पढ़ाई चौपट हो गई है। सरकार अभी तक गेस्ट का तोड़ नहीं निकाल पाई है। वैकल्पिक व्यवस्था न होने से स्कूलों में कई विषयों की कक्षाएं सुचारू रूप से नहीं चल पा रहीं। ड्राइंग शिक्षकों को साइंस व पीटीआइ को गणित की कक्षाएं संभालने का जिम्मा सौंपा गया है।
स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई खराब होने से खाप पंचायतें आग बबूला हैं। बिना सरप्लस हुए ही गेस्ट को हटाने पर जाट महासभा ने भी आंदोलन का समर्थन कर दिया है। हरियाणा जाट सभा के अध्यक्ष प्रदीप हुड्डा कहते हैं कि सरकार ने पंद्रह हजार गेस्ट के परिवारों को सड़क पर ला दिया है। हजारों बच्चों का भविष्य दांव पर है। उन्होंने सर्व खाप पंचायत के साथ विचार-विमर्श के बाद गेस्ट की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। सोमवार को आंदोलन का स्वरूप तय हो जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए आफत
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई सुचारू रूप से चलाना शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए चुनौती साबित हो रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्क लोड के आधार पर व्यवस्था के निर्देश दिए हैं, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी एक साथ दस हजार गेस्ट के कक्षाएं न लेने से शिक्षकों की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। जुलाई महीने में व्यवस्था पटरी पर आती नहीं दिख रही, चूंकि जेबीटी को भी नियुक्ति अगस्त महीने में ही मिल पाएगी। सबसे अधिक प्रभावित इस समय प्राथमिक शिक्षा ही है, चूंकि 6500 जेबीटी गेस्ट में से 55 सौ आंदोलन छोड़ने को तैयार नहीं हैं।