नववर्ष में भाखड़ा कैनाल से मिलेगा पंचकूला को पानी
राजेश मलकानिया, पंचकूला जमीनी स्तर के पानी पर निर्भर पंचकूला को उम्मीद है कि नववर्ष में उसे पंज
राजेश मलकानिया, पंचकूला
जमीनी स्तर के पानी पर निर्भर पंचकूला को उम्मीद है कि नववर्ष में उसे पंजाब के भाखड़ा कैनाल सिस्टम से पानी मिलना शुरू हो जाए। इस पानी को पंचकूला में लाने के लिए हुडा विभाग पर जिम्मेदारी है। पंजाब के भाखड़ा कैनाल सिस्टम से पंचकूला में 18 क्यूसिक पीने का स्वच्छ पानी आना है। फिलहाल पंचकूला में पेयजल की आपूर्ति के लिए जमीनी पानी पर ही निर्भरता है।
शहर को पानी की सप्लाई 184 टयूबवेलों के माध्यम से की जा रही है। एक अनुमान के अनुसार आगामी 7 सालों में वर्ष 2021 तक पंचकूला में करीब 67.45 क्यूसिक पेयजल की आवश्यकता रहेगी। इस जरूरत को प्रशासन टयूबवेलों के माध्यम से 33.33 क्यूसिक, पंचकूला के समीप बने कौशल्या डैम से 18 क्यूसिक तथा भाखडा कैनाल सिस्टम से 18 क्यूसिक पानी लाकर पूरा करने का इरादा रखता है।
भारत सरकार की एक स्कीम के तहत चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला तथा चंडीमंदिर कन्टोनमैंट क्षेत्र को स्वच्छ पेयजल सप्लाई करने के लिए भाखडा मेन लाइन से छह फेस मे 240 क्यूसिक पानी लेने की योजना बनाई गई थी। 6 जुलाई 1983 को केंद्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक में फैसला लिया गया था कि छह फेस में प्रत्येक फेस के तहत 40 क्यूसिक पानी में से चंडीगढ़ को 29 क्यूसिक, मोहाली को 5 क्यूसिक, चंडीमंदिर सेना क्षेत्र को 3 क्यूसिक तथा पंचकूला क्षेत्र को 3 क्यूसिक पानी सप्लाई किया जाएगा। चंडीगढ़ नगर निगम ने पंचकूला को 18 क्यूसिक पानी सप्लाई करने के लिए 61.68 करोड़ रुपये की लागत से 18.30 किलोमीटर लंबी एमएस की पाइप लाइन बिछाकर प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया है। हुडा ने भी अपने हिस्से के 18 क्यूसिक पानी प्राप्त करने के लिए 4.9 किलोमीटर लंबी 500 से 800 एमएम पाईप लाइन बिछाकर सभी तैयारिया पूरी कर ली है। इस लाइन के बिछाने पर 8.86 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस प्रोजेक्ट के शुरू हो जाने के बाद पंचकूला पीने के पानी के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
पंचकूला की जीवन रेखा होगी लाइन
भाखड़ा का नहरी पानी पंचकूला आने पर शहर को जलापूर्ति के लिए भविष्य का विकल्प मिल जाएगा। 12 क्यूसिक पानी रोजाना मिलने पर हुडा जरूरत के अनुसार 25 से 30 ट्यूबवेल चलाना कम कर देगा। अभी शहर में रोजाना पानी की माग करीब 50 से 55 क्यूसिक चल रही है। इसे पूरा करने के लिए हुडा करीब 175 ट्यूबवेल चला रहा है। भाखड़ा का नहरी पानी पंचकूला के लिए जीवन रेखा साबित होगा, क्योंकि ट्यूबवेलों की खुदाई से लेकर इन्हें चलाने तक हुडा को हर साल कई करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
चंडीगढ़, पंजाब व हरियाणा में 1980 में हुआ था समझौता
चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के बीच 1980 में हुए समझौते के तहत हर 20 एमजीडी की लाइन से पंचकूला और चंडीमंदिर को डेढ़-डेढ़ एमजीडी और मोहाली को ढाई एमजीडी पानी मिलना तय हुआ था। कजौली से चंडीगढ़ वाटर वकर््स तक आने वाली 20-20 एमजीडी की चार लाइनों से मोहाली को 10 एमजीडी पानी दिया जा रहा है। चंडीमंदिर को 3 एमजीडी मिल रहा है। परतु पंचकूला के लिए लाइन न होने के कारण नहरी पानी नहीं पहुंच रहा था। अब यह लाइन बिछ चुकी है।
नए साल से पंचकूला को पानी मिलने की पूरी उम्मीद : ज्ञानचंद गुप्ता
पंचकूला के विधायक ज्ञान चंद गुप्ता का कहना है कि मैंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के मुख्य प्रशासक से मुलाकात करके इस प्रोजेक्ट को अविलंब शुरू करवाने का अनुरोध किया है। उम्मीद है कि नववर्ष में पंचकूला को उसके हिस्से का पानी मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पानी से लोगों को बहुत राहत मिलेगी।