Move to Jagran APP

जाट आंदोलन के दौरान हिंसा पर हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश, दर्ज 600 मामलों में कसेगा शिकंजा

हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के लिए दर्ज 600 मामलों में पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी में है। इस बारे में पुलिस ने हाईकोर्ट में स्‍टेटस रिपोर्ट पेश की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 09:51 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 09:51 AM (IST)
जाट आंदोलन के दौरान हिंसा पर हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश, दर्ज 600 मामलों में कसेगा शिकंजा
जाट आंदोलन के दौरान हिंसा पर हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश, दर्ज 600 मामलों में कसेगा शिकंजा

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामलोें में पुलिस शिकंजा कसेगी। हिंसा के दर्ज मामलों की जांच कर रही पुलिस की विशेष जांच टीम ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश कर दी है। एसआइटी प्रमुख आइपीएस अधिकारी अमिताभ ढिल्लों ने कोर्ट को बताया कि लगभग 600 मामलों की जांच शुरू कर दी गई है जिनमें हत्या के मामले भी शामिल हैं। इस दौरान हत्‍या के मामलों में सूचना देने पर दो लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है।

loksabha election banner

एसआइटी ने पेश की हाईकोर्ट में विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट, हत्‍या के मामलों में सूचना देने पर दो लाख्‍ इनाम

चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ के समक्ष पेश विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया है कि एसआइटी ने हांसी में 150 और हिसार में 150 मामलों की जांच आरंभ की है। इनमें हांसी हुई हत्या का वह मामला भी शामिल है जिसमें पुलिस के महानिदेशक ने एक लाख रुपये का मुआवजा दे दिया है।

ढिल्लों ने रिपोर्ट में कहा कि हत्या के अनसुलझे मामलों में किसी भी प्रकार की सूचना देने वाले के लिए दो लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। एसआइटी ने दंगों के दौरान लूटे गए कुछ मोबाइल फोन और अन्य सामान भी बरामद किया है। हांसी में पुलिस स्टेशन से लूटी गई एक पिस्तौल भी बरामद की जा चुकी है।

रिपोर्ट के अनुसार, दंगों में आर्थिक नुक्सान झेलने वाले जिन लोगों को मुआवजा दिया जा चुका है या जिन्हें दिया जाना है, एसआइटी उनकी भी पुष्टि कर रही है। एसआइटी पीडि़त, शिकायतकर्ता और गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करा रही है। जो लोग बयान नहीं देना चाहते उनकी अब वीडियोग्राफी कराई जा रही है। एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने रिपोर्ट का अध्ययन करने और इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए समय मांगा। इस पर पीठ ने सुनवाई स्थगित कर दी।

उल्लेखनीय है कि मुरथल और अन्य क्षेत्रों में व्यापक हिंसा के बाद हाईकोर्ट के सख्त रुख पर पुलिस ने बड़ी संख्या मामले दर्ज किए थे। एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने अदालत को बताया था कि सरकार राज्य के 21 जिलों में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए कुल 2105 मामलों में से 407 वापस लेना चाहती है। मालूम हो कि व्यापक हिंसा और मुरथल में महिला यात्रियों से दुष्कर्म के संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई आरंभ की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.