Move to Jagran APP

चुनाव नतीजों से सबक लेगी हरियाणा भाजपा, कई मंत्रियों व विधायकों के टिकट पर खतरा

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों में भाजपा की करारी हार ने हरियाणा सरकार और पार्टी संगठन को मिशन 2019 की नए सिरे से रणनीति बनाने के लिए मजबूर कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 01:41 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 05:07 PM (IST)
चुनाव नतीजों से सबक लेगी हरियाणा भाजपा, कई मंत्रियों व विधायकों के टिकट पर खतरा
चुनाव नतीजों से सबक लेगी हरियाणा भाजपा, कई मंत्रियों व विधायकों के टिकट पर खतरा

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों में भाजपा की करारी हार ने हरियाणा सरकार और पार्टी संगठन को मिशन 2019 की नए सिरे से रणनीति बनाने के लिए मजबूर कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सवा चार साल के कार्यकाल में भले ही सिस्टम को पटरी पर लाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जिस तरह से तीनों राज्यों में भाजपा के कई बड़े चेहरे और मंत्री चुनाव हारे हैं, उसे देखकर साफ लगा रहा कि हरियाणा में भी कई मंत्रियों व विधायकों की टिकट बदला जाना तय है।

loksabha election banner

अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही हरियाणा में भाजपा का चेहरा होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इसे कई बार स्पष्ट कर चुके हैं, लेकिन मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जिस तरह से भाजपा को मात मिली है, उसे देखकर अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी कई कड़े फैसले लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। हरियाणा में मनोहर लाल की कैबिनेट में उन समेत 14 मंत्री हैं। 47 भाजपा विधायक पिछले चुनाव में जीतकर आए थे।

मध्य प्रदेश में 31 मंत्रियों में से 14 मंत्री चुनाव हारे हैं। राजस्थान में 30 मंत्रियों में से 20 मंत्री चुनाव हार गए हैं। इनमें गाय मंत्री भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में 12 में से 7 मंत्री चुनाव हार गए हैं। मंत्रियों की हार साफ संकेत दे रही है कि पार्टी को इस बार चुनाव में सोच समझकर चेहरे उतारने होंगे।

मनोहर सरकार के दो-तीन मंत्रियों को छोड़कर हालांकि किसी मंत्री पर कोई गंभीर आरोप नहीं है। हरियाणा में भाजपा के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर भी फिलहाल नजर नहीं आ रही है, लेकिन तीन राज्यों के चुनावी रुख के बाद हाईकमान हरियाणा को अपने पास रखने के लिए कोई भी दांव खेल सकता है।

राज्य में 16 दिसंबर को पांच नगर निगमों के चुनाव हैं। रोहतक, हिसार, पानीपत, करनाल और यमुनानगर नगर निगम के चुनाव विधानसभा से कम नहीं हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल, भाजपा प्रभारी डॉ. अनिल जैन, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और प्रदेश संगटन महामंत्री सुरेश भट्ट निगम चुनावों पर लगातार निगाह बनाए हुए हैं। विधानसभा चुनाव का सेमी फाइनल माने जा रहे इन निगम चुनाव में भाजपा हर हाल में जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। पार्टी ने यहां उन्हीं चेहरों पर दांव खेला है, जो जीतने की स्थिति में हैं। यही गणित विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी अपनाया जाएगा।

हरियाणा भाजपा के साथ-साथ पार्टी हाईकमान कई बार राज्य में सर्वे करा चुका है। उस फीडबैक को हालांकि शुरू में नजर अंदाज भी किया जाता रहा, लेकिन अब पार्टी उन्हीं चेहरों पर दांव खेलेगी जो जीतने की स्थिति में होंगे। पार्टी को यदि जरा भी यह आभास हुआ कि कोई मंत्री, सांसद या विधायक जीतने की स्थिति में नहीं है तो उसका टिकट बदला जाना तय है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल आने वाले समय में और भी कड़े नजर आ सकते हैं। संगठन व सरकार के कामों को जनता के बीच ले जाने को लेकर वह मंत्रियों व विधायकों पर दबाव बना सकते हैं। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को अब संगठन में काफी तरजीह मिलेगी, ताकि उनकी ऊर्जा का इस्तेमाल आने वाले चुनाव में किया जा सके।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.