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नए उद्योगों पर तीन साल लागू नहीं होंगे श्रम कानून, भवन निर्माण में भी मिली छूट

हरियाणा में नए उद्याेगों पर तीन साल तक श्रम कानून लागू नहीं होंगे। राज्‍य कैबिनेट ने इस संबंध फैसला किया है। कैबिनेट ने उद्योगों को भवन निर्माण में भी छूट दी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 09:12 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 09:12 AM (IST)
नए उद्योगों पर तीन साल लागू नहीं होंगे श्रम कानून, भवन निर्माण में भी मिली छूट
नए उद्योगों पर तीन साल लागू नहीं होंगे श्रम कानून, भवन निर्माण में भी मिली छूट

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में नए उद्योगों पर एक हजार दिन (करीब तीन साल) के लिए श्रम कानून लागू नहीं होंगे। उद्योगपतियों को बड़ी राहत देते हुए भवनों को डेढ़ मीटर तक बढ़ाने की छूट दी गई है। अब औद्योगिक प्रतिष्ठानों में भवन निर्माण 15 मीटर की बजाय 16.5 मीटर की ऊंचाई तक किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लग गई।

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औद्योगिक प्रतिष्ठानों में भवन निर्माण 15 मीटर की बजाय 16.5 मीटर की ऊंचाई तक हो सकेंगे

हरियाणा में अब नगर निगमों के गठन के पांच साल बाद भी चुनाव कराए जा सकेंगे। चुनाव की समय सीमा छह महीने के लिए बढ़ाते हुए हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 4 (4) में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया जाएगा। सोनीपत नगर निगम के गठन के पांच साल बाद भी चुनाव नहीं हो पाने के कारण सरकार ने यह निर्णय लिया। यहां वार्डबंदी तथा सीटों व वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है, परंतु महामारी के चलते चुनाव करा पाना अभी संभव नहीं है।

लॉकडाउन में जब्त वाहनों को छोडऩे का रास्ता साफ

लॉकडाउन के दौरान मोटर यान अधिनियम 1988 के प्रावधानों के उल्लंघन के चलते जब्त वाहनों को छोडऩे का रास्ता साफ हो गया है। जिन तीन श्रेणियों के वाहनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की गई थी, उनसे कंपाउंडिंग फीस के तौर पर दुपहिया वाहन के लिए 500 रुपये, कार व जीप के लिए एक हजार रुपये तथा परिवहन वाहनों के लिए दो हजार रुपये की अधिकतम जुर्माना राशि वसूली जा सकती है। जुर्माना वसूली के बाद वाहनों को छोडऩे के लिए आरटीए सचिवों को अधिकृत किया गया है।

ट्रस्टों को सरकारी जमीन देने के रेट तय

शहरी निकायों में ट्रस्टों को पूजा स्थल, सामुदायिक केंद्र, धर्मशाला, जंजघर, बारातघर के लिए अब शहरी स्थानीय निकाय की तीन हजार वर्ग मीटर तक भूमि दी जा सकेगी। दो हजार वर्ग मीटर तक बिक्री की अंतरिम दर कलेक्टर रेट का 50 फीसद, क्षेत्र के विकास की आनुपातिक लागत और इस पर अन्य आकस्मिक शुल्क लगाया जाएगा।

तीन हजार वर्ग मीटर तक कलेक्टर रेट का 100 प्रतिशत, क्षेत्र के विकास की आनुपातिक लागत और अन्य आकस्मिक शुल्क लगाया जाएगा। पांच एकड़ तक भूमि गोशालाओं, बेसहारा पशु प्रबंधन केंद्र व नंदीशाला को दी जा सकेगी। इसके लिए बिक्री की अंतरिम दर कलेक्टर रेट का 50 फीसद, क्षेत्र के विकास की आनुपातिक लागत और इस पर अन्य आकस्मिक शुल्क लगाया जाएगा।

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एचसीएस बनने के लिए अब आइएएस की तर्ज पर परीक्षा

सरकारी कर्मचारियों को अब हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) अफसर बनने के लिए आइएएस की तर्ज पर परीक्षा देनी होगी। उन्हें दो चरणों में लिखित परीक्षा देनी पड़ेगी। सी सैट का पेपर अब क्वालीफाइंग रहेगा। यानी कि इसमें केवल 33 फीसद अंक लाने पर पास माना जाएगा व मेरिट का आधार पहला पेपर यानी कि सामान्य अध्ययन रहेगा। वहीं, प्रदेश सरकार करीब तीन लाख कर्मचारियों व अफसरों की कार्य क्षमता सुधारने के लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग दिलाएगी।

तीन लाख कर्मचारियों व अफसरों की कार्य क्षमता सुधारने के लिए हिपा देगा विशेष ट्रेनिंग

कैबिनेट बैठक में हरियाणा स्टेट ट्रेनिंग पॉलिसी और एचसीएस परीक्षा के पैटर्न में बदलाव पर मुहर लग गई। संशोधित नियम के अनुसार कर्मचारियों और अफसरों को पूरे सर्विस पीरियड में अलग-अलग समय पर फाउंडेशन ट्रेनिंग, पदोन्नति के बाद प्रशिक्षण, ओरिएंटेशन ट्रेनिंग और विदेश में नियुक्ति की अलग से ट्रेनिंग दी जाएगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि एचसीएस अफसरों की नियुक्ति पर छह महीने की इंडक्शन ट्रेनिंग होगी। इनमें से तीन महीने जिले में प्रशिक्षण होगा जिसमें जिला सचिवालय और राजस्व की प्रेक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है। अन्य ग्रुप ए के अफसरों की छह महीने की ट्रेनिंग होगी जिसमें जॉब ट्रेनिंग भी शामिल है।

उन्‍हाेंने कहा कि नौकरी ज्वाइन करते समय ग्रुप बी के अफसरों की तीन महीने और ग्रुप सी और डी कर्मचारियों की चार सप्ताह की ट्रेनिंग अनिवार्य की गई है।  कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए मुख्य सचिव कार्यालय में एक ट्रेनिंग सेल स्थापित की जाएगी। हिपा नोडल एजेंसी होगी। ट्रेनिंग के लिए सभी महकमे ढाई फीसद हिस्सा अलग से रखेंगे।

6500 वाहन मालिकों को जुर्माने में राहत

महामारी में लॉकडाउन के दौरान नियम तोडऩे वाले सात हजार वाहन चालकों को प्रदेश सरकार ने राहत दी है। अनुशासनहीनता के चलते ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने करीब सात हजार वाहनों का चालान काटते हुए भारी-भरकम जुर्माना लगाया था। अब 6500 वाहनों पर जुर्माने को कम करते हुए इन वाहनों को छोड़ दिया जाएगा। कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई।

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