तीन राज्यों में जीत के बाद हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों में बढ़ेगी खींचतान
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में खींचतान बढ़ेगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में खींचतान बढ़ेगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हों या कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, कु. सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई, सभी अपने-अपने ढंग से हरियाणा में पार्टी गतिविधियों का झंडा थामने के लिए हाईकमान पर दबाव बनाते नजर आएंगे। सबसे अधिक घमासान हुड्डा और तंवर के बीच मचने की संभावना है।
हरियाणा कांग्रेस के अधिकतर विधायक पार्टी हाईकमान पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पार्टी अध्यक्ष बनाने का लगातार दबाव बना रहे हैं। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने भी प्रदेश में अपनी सक्रियता बढ़ाई हुई है। रणदीप सिंह सुरजेवाला व कुमारी सैलजा कांग्रेस हाईकमान के सबसे अधिक नजदीक हैैं। ऐसे में कांग्रेस नेताओं के बीच हरियाणा के संगठन को अपने ढंग से चलाने का अधिकार हासिल करने की होड़ मची नजर आएगी।
हरियाणा का राजनीतिक परिदृश्य राजस्थान के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। राजस्थान में जहां अंतिम समय तक कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत व सचिन पायलट को आगे किए रखा, वहीं हरियाणा में भी पिछले चार साल से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के बीच शीतयुद्ध छिड़ा हुआ है। हुड्डा खेमा अशोक तंवर को अध्यक्ष पद से हटवाने के लिए दिनरात एक किए हुए है और तंवर लगातार अपने कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं।
हरियाणा के कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला जहां लगातार दिल्ली दरबार की राजनीति कर रहे हैं वहीं किरण चौधरी आजकल अपना पारंपरिक भिवानी क्षेत्र छोडकऱ उत्तरी हरियाणा में सक्रिय हैं। इन सबके बीच कुलदीप बिश्नोई व कैप्टन अजय सिंह यादव भी लगातार कांग्रेस हाईकमान के संपर्क में हैैं। अब तीन राज्यों में कांग्रेस की वापसी के साथ ही हुड्डा और तंवर खेमा एक-दूसरे के विरूद्ध और ज्यादा हमलावर हो सकता है।
हड्डा समर्थक विधायक लंबे समय से पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह फ्री-हैंड दिए जाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में रणदीप सुरजेवाला भी दस जनपथ के माध्यम से अपना दांव लगा सकते हैं। तीन राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस हाईकमान के सामने हरियाणा के नेताओं में संतुलन साधना बेहद मुश्किल काम होगा।
अब सरकार में मिलेगी भाजपा कार्यकर्ताओं को तव्वजो
हरियाणा में अब भाजपा कार्यकर्ताओं को पूरी तवज्जो मिलेगी। कार्यकर्ता मंत्रियों, विधायकों व अधिकारियों पर उनकी सुनवाई न किए जाने का आरोप लगाते रहे हैैं। तीन बड़े राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि हरियाणा में सरकार व जनप्रतिनिधियों द्वारा अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को अहमियत दी जाएगी। हरियाणा में अब भाजपा द्वारा कार्यकर्ताओं की सुनवाई भी की जाएगी और उन्हें सरकार में सम्मान भी मिलेगा।