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मनुष्य संसार में निर्भय होकर जीवन जीता है

सत्संग संवाद सहयोगी, पलवल : वैदिक विदुषी कुमारी निकिता आर्या ने कहा है कि परमात्मा को जानकर ही

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 04:48 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 04:48 PM (IST)
मनुष्य संसार में निर्भय 
होकर जीवन जीता है

सत्संग

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संवाद सहयोगी, पलवल :

वैदिक विदुषी कुमारी निकिता आर्या ने कहा है कि परमात्मा को जानकर ही मानना चाहिए। ऐसा करने से परमात्मा में श्रद्धा व विश्वास जागृत होता है। आत्मा को इसका लाभ यह मिलता है कि मनुष्य संसार में निर्भय होकर सुखी जीवन जीता है। उन्होंने कहा कि परमात्मा की सर्व व्यापकता हमें पाप करने से रोकती है। हमें परमात्मा के आदेशों का पालन करना चाहिए। यदि हम ऐसा नहीं करते तो हम पापी कहलाते हैं।

निकिता आर्या जवाहर नगर स्थित आर्य समाज में वेद प्रचार कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को प्रवचन कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वेदों में पंच यज्ञ की प्रणाली का वर्णन है। हमें ईश्वर को पाने के लिए व जड़ व चेतन देवताओं को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ अपनाना होगा। देवता हमें आशीर्वाद देते हैं। आशीर्वाद से मनुष्य जीवन में सुखी रहता है व उन्नति करता है। वायु की शुद्धि अग्निहोत्र से ही संभव है। इससे पहले यज्ञ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला वेद प्रचार मंडल के अध्यक्ष राधेलाल आर्य ने की। मुख्य अतिथि जाट समाज समिति के प्रधान मोहन लाल तंवर थे। मुख्य यजमान तीर्थदास कटारिया मनमोहन आर्य व चंद्रपाल आर्य थे। संयोजन आर्य समाज के प्रधान जय प्रकाश आर्य ने किया।


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