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जिले में मिलावट का धंधा जोरों पर

जागरण संवाददाता, नूंह : जिले में फूड सेफ्टी अधिकारी और ड्रग कंट्रोलर न होने की वजह से यहां मिलावटख

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Apr 2017 05:15 PM (IST)Updated: Sun, 02 Apr 2017 05:15 PM (IST)
जिले में मिलावट 
का धंधा जोरों पर
जिले में मिलावट का धंधा जोरों पर

जागरण संवाददाता, नूंह :

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जिले में फूड सेफ्टी अधिकारी और ड्रग कंट्रोलर न होने की वजह से यहां मिलावटखोरों और नकली दवा बेचने वालों की बल्ले-बल्ले हो रही है। सैंपल भरने वाले अधिकारी न होने की वजह से यहां मिलावट का धंधा जोरों पर चल रहा है।

बता दें, कि नूंह जिला में पुन्हाना, नगीना, फिरोजपुर झिरका, तावडू और नूंह सहित कुल पांच खंड हैं, जिनकी बारह लाख से अधिक आबादी है। इलाका राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमाओं से सटे होने की वजह से यहां पर दूध, पनीर, खोवा, सरसों का तेल, देशी घी में जमकर मिलावट हो रही है। इसके अलावा मेडिकल स्टोरों पर धड़ल्ले से नकली दवा और नशे की दवा बिक रही है। जिले में झोलाछाप डाक्टरों की भरमार है। दूध, पनीर, खोया, मिठाई आदि में मिलावट करने वालों पर नजर रखने के लिए हर जिले में फूड सेफ्टी ऑफिसर (एफएसओ) का एक पद स्वीकृत है। पिछले काफी समय से जिले में यह पद खाली पड़ा हुआ है। फरीदाबाद के एफएसओ को नूंह की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप रखी है। जो कभी-कभार ही आ पाता है। इसके अलावा मेडिकल स्टोर पर बिकने वाली दवा का सैंपल लेने और झोलाछाप डाक्टरों पर नजर रखने के लिए जिसमें एक ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर (डीसीओ)होता है। यह पद जिला में करीब 10 साल से खाली पड़ा है। फिलहाल पलवल के डीसीओ को नूंह का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है। नूंह के डिप्टी सिविल सर्जन एसके कौशिक का कहना है कि फूड सेफ्टी ऑफिसर और ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर के पद काफी समय से खाली पड़े हैं। इन अधिकारियों के ना होने से छापामारी में काफी दिक्कत आती है।


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