जीएसटी से घबराने की जरूरत नहीं पर सरलीकरण जरूरी
जागरण संवाददाता, नारनौल जीएसटी से घबराने की जरूरत नहीं है। यह विश्व के 165 देशों में लागू है प
जागरण संवाददाता, नारनौल
जीएसटी से घबराने की जरूरत नहीं है। यह विश्व के 165 देशों में लागू है पर इसमें व्यापारी की सजा का प्रावधान खत्म होना चाहिए। सरलीकरण होना चाहिए ताकि व्यापारी कागजी कार्यवाही में उलझने से बचे रहें। भारत विकास परिषद की ओर से रविवार को जीएसटी क्या, क्यों और कैसे विषय पर आयोजित सेमिनार में सामूहिक रूप से सामने आए। सेमिनार में विषय विशेषज्ञों ने जीएसटी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। करीब दो घंटे चली सेमिनार में व्यापारियों ने अपने प्रश्नों के माध्यम से जिज्ञासाएं शांत की।
हरियाणा व्यापार मंडल के प्रधान बजरंग लाल अग्रवाल ने कहा कि देश में 8.5 करोड़ व्यापारी हैं, लेकिन व्यापारी का सम्मान करने की बजाय उसको जीएसटी के नाम पर कागजी कार्यवाही में उलझाने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कपड़े और ब्रांडेड अनाज पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। साथ ही मासिक रिटर्न की बजाय पहले की तरह त्रैमासिक रिटर्न ही की जानी चाहिए।
फरीदाबाद से आए सीए रजत मंगला ने ऑडिओ वि•ाुअल्स के साथ जीएसटी के बारे में पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस टैक्स की तैयारी बहुत समय से ही की जा रही थी। यह देश में एक समान टैक्स की दिशा में बड़ा कदम है। मंगला ने सलाह दी कि रजिस्टर्ड डीलर को रजिस्टर्ड डीलर से माल खरीदने का फायदा है। एक पैन नंबर से केवल एक ही फर्म चलाई जा सकेगी। बाजार में जितने भी आइटम हैं उन सबका एक स्पेशल कोड होगा जिसे एचएसएन कोड कहा जाएगा। इसी कोड के आधार पर टैक्स की गड़ना होगी। उन्होंने कहा कि फर्म के खर्चे के बिल फर्म के नाम से होंगे तभी उनमें टैक्स का फायदा लिया जा सकेगा। दो सौ रुपये से अधिक की बिक्री का बिल काटना जरूरी होगा। इसके अलावा दस हजार रुपये से ज्यादा का टैक्स ऑनलाइन माध्यम से ही जमा होगा।
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए भिवानी डिस्ट्रिक्ट बार टेक्सेसन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण पोपली ने कहा कि जीएसटी से घबराने की जरूरत नहीं है। यह विश्व के 165 देशों में लागू है पर इसमें व्यापारी की सजा का प्रावधान खत्म होना चाहिए। परिषद के अध्यक्ष अश्वनी कटारिया ने कहा कि समाज को जागरूक करने की दिशा में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में नरेश गोगिया, नीरज अग्रवाल, धीरज भयाना, नरोत्तम सोनी, हितेन्दर बोहरा, क¨वदर सचदेवा, सुनील चुघ, संतोख ¨सह, महेन्दर शर्मा, कुलभूषण, संजय शर्मा, भीमसेन, रमेश सैनी, परमजीत ¨सह, सुदर्शन बंसल आदि ने भी हिस्सा लिया। मंच संचालन सचिव विवेक निर्मल ने किया।