शादी के लिए रुपये नहीं मिलने पर रोकी एलडीएम की गाड़ी
जागरण संवाददाता, नारनौल : नोटबंदी के बाद से करंसी की कमी शादी-विवाह करने वाले परिवारों के गले की
जागरण संवाददाता, नारनौल : नोटबंदी के बाद से करंसी की कमी शादी-विवाह करने वाले परिवारों के गले की फांस बनी हुई है। बीमार पर मोटे खर्च को लेकर भी लोग परेशानी हैं। इसको लेकर रोजाना लोग रुपये लेने के लिए बैंक पहुंच रहे हैं, मगर उनको जरूरत के अनुसार रुपया नहीं मिल रहा। शुक्रवार को लोगों ने एलडीएम की गाड़ी का रास्ता रोक लिया। दूसरी ओर बैंकों में लंबी लाइनें लगी और अधिकांश एटीएम भी नहीं चले। आलम यह है कि करंसी दोपहर भी नहीं पकड़ रही, उससे पहले खत्म हो जाती है।
नोटबंदी का असर रोजाना ही बैंकों के सामने लगने वाली लंबी लाइनों के रूप में देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को भी यह सिलसिला जारी रहा। पेंशनधारक एवं सरकारी कर्मचारी घर खर्च के लिए रुपये लेने हेतु लाइन में लगे। उनको लाइनों में न केवल धक्के खाने पड़े, अपितु उन्हें बैंकों में पर्याप्त कैश न होने की सूरत में जरूरत अनुसार रुपये भी नहीं मिल पाए। इसी प्रकार विवाद-शादी वाले भी रुपयों को लेकर भारी परेशान रहे। महेंद्रगढ़ रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक में लीड मैनेजर के पास लोगों ने रोष व्यक्त किया तथा उन्हें सरकार की योजना के अनुसार ढाई लाख रुपये लेने में आ रही दिक्कतों से अवगत कराया। एलडीएम एसडी पाठक ने उन्हें नियमों के अनुसार ही रुपये देने की बात कही। बैंक में भीड़ बढ़ते देख वे फील्ड में जाने लिए गाड़ी से निकलने लगे तो लोगों ने उनका रास्ता रोक लिया और गाड़ी के आगे ही खड़े हो गए। इस पर उन्होंने गाड़ी में बैठे-बैठे ही लोगों को 2.5 लाख तो नहीं, लेकिन 24-24 हजार रुपये खातों से निकालने की अनुमति प्रदान करना शुरू कर दिया। इसके बाद ही लोगों ने उन्हें मौके से जाने दिया।
बैंक वाले मुझे मेरे ही खाते से जरूरत के अनुसार रुपये नहीं निकाल कर दे रहे। मुझे शादी के लिए रुपयों की सख्त जरूरत है। शादी का कार्ड एवं अन्य दस्तावेज लेकर आया हूं। लेकिन नई-नई शर्त थोप रहे हैं। मैं परेशान हो गया हूं।
- कुरड़ाराम पूर्व सरपंच खोड़मा।
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मेरे बेटे की शादी 8 दिसंबर को होनी है। 6 को प्रीतिभोज किया जाएगा, लेकिन मुझे रुपये नहीं दिए जा रहे। मैं इससे भारी हैरान एवं परेशान हूं। मुझे मेरे ही खाते से रुपये निकालने से रोका जा रहा है।
- पुरुषोत्तम बुडीन।
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मेरे परिवार में 3 दिसंबर की शादी है। आज भी रुपये निकालने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा हूं। मेरी सुनाई नहीं की जा रही। मुझसे शादी में काम करने वालों लोगों से लिखित में दस्तावेज लेने एवं बैंक अकाउंट नहीं होने शर्त पूरी करने की बात कहते हैं। मैं इन हालातों में क्या करूं । मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।
- राजकुमार, सिलारपुर (कटकई)
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आवश्यक कार्य तो दूर घर खर्च के लिए भी बैंक वाले रुपये नहीं दे रहे। महज 2000-2000 रुपये थमाए जा रहे हैं। इन हालातों में तंगी बढ़ गई है। शादी 8 दिसंबर की है और उसमें तो बेहद कठिनाइयां आ रही हैं। बिना रुपयों के काम कैसे पूरे होंगे, यही ¨चता सता रही है।
- अनूप कुमार, रामपुरा।