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बिजली कनेक्शन कटने के विरोध में वकील ने दिया धरना

- अदालती कामकाज का भी किया बहिष्कार - तीन महीने से कटा हुआ है बिजली कनेक्शन - करीब 25 लाख रु

By Edited By: Published: Tue, 21 Apr 2015 04:56 PM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2015 04:56 PM (IST)
बिजली कनेक्शन कटने के विरोध में वकील ने दिया धरना

- अदालती कामकाज का भी किया बहिष्कार

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- तीन महीने से कटा हुआ है बिजली कनेक्शन

- करीब 25 लाख रुपये है बिजली का बिल

- वकीलों ने कहा पहले की तरह प्रशासन भरे बिल

फोटो नं 1

जागरण संवाददाता, नारनौल : मंगलवार को नारनौल बार एसोसिएशन के तत्वावधान में वकीलों ने बिजली कनेक्शन काटे जाने के विरोध में अदालतों का बहिष्कार किया तथा न्यायालय परिसर में धरना दिया। धरने में सैकड़ों वकीलों ने भाग लिया। धरने की अध्यक्षता बार एसोसिएशन के प्रधान बलवंत राव एडवोकेट ने की।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिजली कनेक्शन पिछले तीन महीनों से कटा पड़ा है और इस बारे में जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश सरकार तक को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बिजली कनेक्शन उपायुक्त के नाम से है तथा इसका बिल पहले प्रशासन ही अदा करता था। एडवोकेट बलवंत राव ने बताया कि नारनौल में वर्ष 1983 में न्यायालय की स्थापना की गई थी और कॉम्पलेक्स बनाया गया था। उन्होंने बताया कि इसमें बार रूम, बार हाल, लाइब्रेरी एवं चैम्बर्स बने हुए हैं तथा इनमें लगे बिजली मीटर का कनेक्शन डीसी नारनौल के नाम है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 तक जिला प्रशासन ही इस मीटर कनेक्शन का बिल अदा करता था, लेकिन बाद में उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया। उन्होंने बताया कि इस पर सरचार्ज एवं पैनाल्टी लगने से यह बिल बढ़कर करीब 25 लाख रुपये हो गया है। उन्होंने बताया कि बिल अदा न करने की सूरत में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम नारनौल कार्यालय ने इसका कनेक्शन करीब 3 महीने पहले काट दिया था।

उन्होंने बताया कि न्यायिक परिसर में साइकिल स्टैंड, चाय की दुकान, ढ़ाबा एवं फोटोस्टेट मशीनों से कई लाख रुपये की कमाई प्रशासन करता है। इसके अलावा लिटिगेंट सरकार को कोर्ट फीस अदा करते हैं। इसलिए सरकार व प्रशासन का फर्ज बनता है कि वादकारी (लिटिगेंट) हाल में सुविधाएं उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि बिजली बंद होने बार हाल के पंखे नहीं चलते हैं। गर्मी तेज पड़ने लगी है। सफाई भी नहीं हो पा रही है और टाइप एवं फोटोस्टेट का कार्य भी प्रभावित हो गया है। अदालत कार्य ठप हैं और वादकारी हाल में बैठने वाले वकीलों एवं अदालती कार्यों से न्यायालय परिसर आए लोगों को भारी परेशानियां हो रही हैं।

इस मामले में करीब डेढ़ महीना पहले उपायुक्त अतुल कुमार द्विवेदी से मिले थे, लेकिन समाधान नहीं हो पाया है। इसलिए मजबूर होकर उन्होंने गांधीवादी रास्ता अपनाया है। उन्होंने कहा कि वकील तपती गर्मी में बिजली कनेक्शन के लिए धरना देने को विवश हुए हैं। अदालतों का बहिष्कार किया गया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन गांधीगिरि से भी नहीं माना तो आंदोलन तेज किया जाएगा। धरने में एडवोकेट रामजीलाल, उमराव कौशिक, भारत रतन, बलबीर यादव, सतबीर बडेसरा, दयाराम यादव, राजपाल लांबा, ओमप्रकाश यादव मांदीवाला, रवि शर्मा, जगबीर ¨सह, कृष्ण कुमार शर्मा समेत सैकड़ों वकील शामिल हुए।


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